अच्छी खबर: ईपीएफओ ने ऑटो-मोड सेटलमेंट सुविधा शुरू की है, 3 दिन में पढ़ाई-शादी, मकान के लिए क्लेम मिलेगा
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ईपीएफओ ने कर्मचारियों के ऑटो-मोड सेटलमेंट सुविधा शुरू की है। इससे अब क्लेम 3 दिन के भीतर ही कर्मचारियों को मिल जाएगा। पहले 15 से 20 दिन आंशिक निकासी में लगते थे। 2023-24 में 4.45 करोड़ दावों का निपटान किया गया इसमें से 2.84 करोड़ आंशिक निकासी के दावे थे।

अब केवल 3 दिन में ही इलाज, बच्चों की पढ़ाई-शादी या खुद का मकान खरीदने के लिए अपने पीएफ खाते से तुरंत आंशिक निकासी कर सकेंगे। अपने 6 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर्स के इज ऑफ लिविंग के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने मेडिकल के बाद अब एजुकेशन, मैरिज और हाउसिंग पर्पस के एडवांस क्लेम सेटलमेंट के लिए ऑटो-मोड सेटलमेंट की सुविधा शुरू की है, जिससे कर्मचारियों के खाते में विड्रॉअल अमाउंट 3-4 दिन में ही आ जाएंगे, जिसके लिए पहले 15-20 दिन लग जाते थे।

श्रम मंत्रालय ने कहा कि ईपीएफ योजना, 1952 के पैरा 68के (शिक्षा और विवाह) और 68बी (मकान के लिए एडवांस) के तहत सभी दावों को ऑटो क्लेम सेटलमेंट फैसिलिटी के अंतर्गत लाया गया है। मेडिकल खर्च के लिए ऑटो क्लेम सेटलमेंट की सुविधा पहले से ही शुरू है। इस तरह के क्लेम अब बिना मानव हस्तक्षेप के आइटी सिस्टम ऑटोमैटिकली प्रोसेस कर देगा। इस साल 2.25 करोड़ मेंबर्स के इस सुविधा का फायदा उठाने की उम्मीद है। जिन दावों का ऑटो-मोड में सत्यापन नहीं हो पाएगा, उन्हें वापस नहीं किया जाएगा, बल्कि मैनुअल जांच के बाद इसका निपटान होगा।

इलाज के लिए निकाल सकते हैं एक लाख

ईपीएफ सदस्य अब खुद या अपने परिवार के किसी सदस्य के इलाज के लिए अपने ईपीएफ अकाउंट से अधिकतम एक लाख रुपए तक की निकासी कर सकते हैं, जबकि पहले इसकी अधिकतम सीमा 50,000 रुपए थी। ईपीएफ सदस्य जरूरत पडऩे पर अपने पीएफ खाते में जमा धनराशि की आंशिक निकासी कर सकते हैं। यह आंशिक निकासी टैक्स-फ्री होती है, बशर्ते ईपीएफ में कम से कम 5 साल तक योगदान किया हो। यदि आप 5 साल से पहले आंशिक निकासी करते हैं तो निकासी योग्य राशि पर 10त्न टीडीएस चुकाना होगा।

वेज लिमिट क्र 21,000 करने पर विचार

ईपीएफओ वेज लिमिट (वेतन सीमा) को 15,000 रुपए से बढ़ाकर 21,000 रुपए कर सकता है। नियोक्ता की ओर से किए गए योगदान का 69.4त्न ईपीएस (कुल बेसिक सैलरी का 8.33त्न) में जाता है। वहीं 30.5त्न यानी कुल बेसिक सैलरी का 3.67त्न ईपीएफ अकाउंट में जाता है। ईपीएफओ के लिए अभी बेसिक सैलरी की सीमा 15,000 होने से कर्मचारी पेंशन स्कीम (ईपीएस) में अधिकतम योगदान 1250 रुपए है, जो बेसिक सैलरी 21,000 रुपए होने पर 1749 रुपए हो जाएगा। इससे रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को अधिक पेंशन मिलेगी। यानी पीएफ खाते में जाने वाली योगदान भी बढ़ जाएगा, पर टेकहोम सैलरी घट जाएगी।

इनके लिए भी कर सकते हैं निकासी

शादी-पढ़ाई (पैरा 68के): 7 साल तक योगदान किया है तो शादी, बच्चों की 10वीं के बाद की पढ़ाई के लिए कुल योगदान प्लस ब्याज का 50त्न हिस्सा निकाल सकते हैं। यह निकासी पूरे सेवाकाल के दौरान तीन बार की जा सकती है।

घर की खरीद (पैरा 68बी): अगर 3 साल तक पीएफ में कंट्रीब्यूट किया है तो घर/फ्लैट/प्लाट की खरीदारी या घर निर्माण के लिए कुल पीएफ फंड का 90त्न तक निकाल सकते हैं। इस सुविधा का इस्तेमाल पूरे सेवाकाल में सिर्फ एक बार किया जा सकता है।

फ्लैट का रेनोवेशन

अगर आपने 5 साल तक पीएफ में कंट्रीब्यूट किया है तो आप घर की मरम्मत के लिए अपनी मंथली सैलरी (बेसिक डीए) का 12 गुना तक निकाल सकते हैं। इस सुविधा का इस्तेमाल सेवाकाल के दौरान अधिकतम दो बार किया जा सकता है।

लोन रिपेमेंट (पैरा 68बीबी): 10 साल तक पीएफ में कंट्रीब्यूट किया है तो होम लोन के रिपेमेंट के लिए अधिकतम 36 महीने की सैलरी (बेसिक डीए) की निकासी कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल सिर्फ एक ही बार किया जा सकता है।


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Social Activist, Spokesperson -UP Congress, Dil se Congressi, Yoga lover, Image Consultant and Trainer

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