विचारों
सुरक्षा एजेंसियों ने जासूसी से जुडे एक बडे केस में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इन खुलासों ने टॉप इंटेलिजेंस ऑफिसर्स को भी हैरान कर दिया। मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने 21 अक्टूबर 2025 को एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया जो खुद को ‘अलेक्जेंडर पालमर’ नाम के वैज्ञानिक और इंटरनेशनल जर्नलिस्ट के रूप में पेश कर रहा था। जांच में सामने आया कि उसका असली नाम अकबर कुतुबुद्दीन हुसैनी है और वह विदेशी नागरिक है। आरोपी के पास से कई फर्जी भारतीय दस्तावेज बरामद हुए हैं। इस मामले में देश की कई शीर्ष जांच एजेंसियां एक साथ काम कर रही हैं। IB, RAW, MI, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल, मुंबई क्राइम ब्रांच और झारखंड पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार, अब तक की जांच में अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के संकेत मिले हैं, जिनकी बारीकी से जांच की जा रही है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने भारत में फर्जी पासपोर्ट, पैन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेज बनवाकर खुद को भारतीय नागरिक स्थापित करने की कोशिश की। वह मुंबई के अंधेरी इलाके में जूहू-सौर आइलैंड स्थित फ्लैट में लंबे समय से रह रहा था। गिरफ्तारी के समय उसकी पत्नी और बेटा भी वहीं मौजूद थे।
इंटरनेशनल साइंटिस्ट की फर्जी पहचान, सब कुछ सेट था
- जांच एजेंसियों को उसके पास से कई सिमकार्ड और नंबर मिले जिनमें से एक पाकिस्तान नेटवर्क से जुड़ा पाया गया। IMSI कोड और इंटरनेशनल कनेक्शन की जांच जारी है।
- कोटक महिंद्रा बैंक का NRI अकाउंट, SBI क्रेडिट कार्ड और कई कंपनियों में मैनेजर होने के फर्जी सर्टिफिकेट बरामद हुए। नासिक MIDC की HML Corporation में उसकी पोस्टिंग बता रखी गई थी।
- टाटा हार्डवेयर और विदेशी यूनिवर्सिटीज के नाम पर भी जाली प्रमाणपत्र बन्ने हुए मिले। यहां तक कि 2000-2009 में लंदन यूनिवर्सिटी से MBA का फर्जी सर्टिफिकेट भी मिला।
Comments
0 comment