भोजशाला एएसआई सर्वेक्षण: खुदाई में 15 फीट नीचे से निकलीं तलवारें
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धार भोजशाला एएसआई सर्वेक्षण: शुक्रवार के दोपहर 12 बजे तक भोजशाला में भोजनालय टीम द्वारा सर्वेक्षण किया गया। दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक मुस्लिम पक्ष द्वारा जुमे की नमाज अदा की गई। इसके बाद मुस्लिम पक्षकार ने सर्वेक्षण कार्य पर विरोध व्यक्त करते हुए कहा कि अगले शुक्रवार को मुस्लिम समाज काली स्ट्रिप्स विरोध जताएगा।

मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh ) के धार जिले में स्थित एतिहासिक भोजशाला ( Bhojshala ) में हाईकोर्ट के आदेश के बाद शुरु हुए सर्वे का शुक्रवार को 57वां दिन गुजरा। शुक्रवार के कारण यहां सर्वे कार्य दोपहर 12 बजे तक जारी रहा। जानकारी ये सामने आई है कि सर्वे कार्य में बरती जा रही लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुस्लिम समाज ने फैसला लिया है कि वो अगले शुक्रवार को काली पट्टी ( black band ) बांधकर अपना विरोध दर्ज कराएगा।

बता दें कि, कोर्ट के आदेश के अनुसार, शुक्रवार को भोजशाला परिसर में मुसलमानों को नमाज अदा करने की अनुमति है। इसी के तहत शुक्रवार को मुस्लिम समाज ने दोपहर 01 बजे से 03 बजे तक भोजशाला में नमाज अदा की। वहीं, नमाज के बाद मुस्लिम समाज के कमाल मौला मस्जिद इंतेजामिया कमेटी के सदर जुल्फिकार पठान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फिजिकल एक्सकैवेशन के लिए मना किया था, इसके बावजूद आदेश की अवेहलना हो रही है।

अगले शुक्रवार जताएंगे विरोध

जुल्फिकार ने कहाक कि मस्जिद के चारों तरफ खुदाई चल रही है, ब्रशिंग के नाम पर चारों तरफ खोदा जा रहा है। अभी भी हम मस्जिद से निकले हैं, उसमें आधे हिस्से में मुस्लिम समाज नमाज पढ़ने से वंचित रहा। हमने कई बार शासन-प्रशासन से मांग की है कि फिजिकल एक्सकैवेशन के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मना किया था, लेकिन उसका पालन नहीं हो रहा है। एएसआई लगातार चारों तरफ खुदाई कर रही है। उन्होंने शासन प्रशासन से फिजिकल एक्सकैवेशन बंद करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगले शुक्रवार को मुस्लिम समाज काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराएगा।

खास रहा सर्वे

भोजशाला परिसर में इससे पहले चला एएसआई सर्वे खास रहा। भोजशाला परिसर के बाहर दक्षिण-पश्चिम के कौने में मिट्टी हटाने पर पत्थर के करीब 15 फीट नीचे एक तलवार मिली है, जिसे पुरातत्व विभाग ने संरक्षित कर लिया। इसका दावा हिंदू और मुस्लिम दोनों ही पक्षकारों ने किया है।

‘काली पट्टी बांधकर विरोध करना कोई अपराध नहीं’

कमाल मौला मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सदर के बयान पर मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने कहा कि जो भी विरोध हो, जो भी समाजजनों की बात हो, उनको रखने का पूरा अधिकार है। वह अपना विरोध दर्ज कर सकते हैं, लेकिन कानून के दायरे में रहकर क्यों काली पट्टी पहनना काले कपड़े पहनना किसी तरह का कोई अपराध नहीं है। हमारे संविधान में ऐसा कोई नियम नहीं है कि आप काली पट्टी नहीं बांध सकते, विरोध स्वरूप वह चीज कर सकते हैं। समाज जन एक जुट और एक साथ है।

लगातार उड़ाई जा रही हाईकोर्ट की गाइडलाइन की धज्जियां- अब्दुल समद

अब्दुल समद ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन की धज्जियां तो बहुत दिनों से हो रही है। हम समय-समय पर इसका विरोध भी लिखित-मौखिक सभी अधिकारियों, कोर्ट के समक्ष, उच्च न्यायालय के समक्ष, उच्चतम न्यायालय के समक्ष भी दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि हमारी याचिका अभी तक लिस्टिंग नहीं हुई है, उसमें हमारे वकील लगे हुए हैं। जो भी आदेश आएगा वह हमको मान्य होगा। आदेश के तहत जो काम हो रहा है, उसमें हम सहयोग कर रहे हैं।


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ravikash
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Ravikash started working for PABNA in 2013. He covers politics, the economy, new technology, and cryptocurrency. Previously he wrote for The Civilian & Citizen Journalist newspapers and magazines.

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