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जेएमएम नेता हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। राज्यपाल संतोष गंगवार (Santosh Gangwar) ने रांची के मोहराबादी मैदान (Morabadi Maidan) में पद और गोपनियता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन (Shibu Soren) भी मौजूद थे। बता दें कि गुरुवार को शपथ ग्रहण कार्यक्रम में उन्होंन अकेले ही शपथ ली है। बताया जा रहा है कि विश्वास मत हासिल करने के बाद विधायकों को मंत्री के रूप में शामिल किया जा सकता है। सीएम के रूप में शपथ लेते ही हेमंत सोरेन के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हो गए हैं। झारखंड के इतिहास में हेमंत सोरेन 4 बार सीएम पद की शपथ लेने वाले पहले राजनेता बन गए हैं। इससे पहले उनके पिता शिबू सोरेन और बीजेपी के अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) तीन-तीन बार सीएम पद की शपथ ले चुके हैं।
झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन गुरुवार को शपथ लेंगे। रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे। पक्ष और विपक्ष के कई प्रमुख नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने के लिए न्योता भेजा गया है। शपथ ग्रहण से पहले हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट के जरिए जनता का आभार व्यक्त किया और राज्य के सामाजिक न्याय, एकता और संघर्ष के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
उन्होंने लिखा, “आज का दिन ऐतिहासिक होगा – एक ऐसा दिन जो हमारे सामूहिक संघर्ष, प्रेम-भाईचारे की भावना और न्याय के प्रति हम झारखंडियों के प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा। झारखंड की महान धरा ने हमेशा से विरोध और संघर्ष को जन्म दिया है और झामुमो – भगवान बिरसा, भगवान सिदो-कान्हू, अमर शहीद तेलंगा खड़िया, फूलो- झानो, पोटो हो, शेख भिखारी समेत अनगिनत वीरों के संघर्षों से भरी उसी विरासत को समेटे हर दिन आगे बढ़ रहा है।”उन्होंने कहा, “आज का यह दिन राजनीतिक जीत के बारे में नहीं है, आज का यह दिन हमारी सामाजिक न्याय के प्रति संघर्ष, सामाजिक एकता को प्रखर करने की हर रोज़ लड़ी जानी वाली लड़ाई को दोहराने का दिन है।आज का यह दिन यह भी बताता है कि लोकतंत्र पर बढ़ते दबाव के बीच झारखंड की महान जनता एक साथ खड़ी है। आज हर गांव, हर शहर में एक आवाज़ गूंज रहा है – अधिकार, समानता, एकता मतलब झारखंडियत की आवाज। इसमें कोई संदेह न रखें – हमारी एकता ही हमारा सबसे बड़ा हथियार है। हमें न विभाजित किया जा सकता है, न ही शांत किया जा सकता है। जब जब वे हमें पीछे धकेलते हैं, हम आगे बढ़ते हैं। जब जब वे हमें शांत करना चाहते हैं, हमारी हूल, उलगुलान, क्रांति की आवाज और प्रखर होती जाती है क्यूंकि हम झारखंडी हैं, और झारखंडी झुकते नहीं है।”
हेमंत सोरेन ने आगे कहा, “आज जब सामाजिक संरचना में गहरी दरारें पैदा हो रही हैं, तब हमें अपने पूर्वजों की उस एकता और हर झारखंडी को साथ लेकर चलने के संकल्प को पुनः दोहराना होगा।” उन्होंने राज्य के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि “हमारी लड़ाई अटल है, अविराम है। संघर्ष जारी है और आखिरी सांस तक रहेगा।” आपको बताते चलें, झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए गए थे। इसमें हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले झामुमो, कांग्रेस, राजद गठबंधन को 56 सीटें हासिल हुई हैं। झामुमो को 34, कांग्रेस को 16, राजद को चार और सीपीआई एमएल को दो सीटों पर जीत मिली है। राज्य में पहली बार कोई सरकार दो तिहाई बहुमत के साथ बनने जा रही है।
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