Ground Report: वो सीट जहां हर बार बदल जाता है जीत का समीकरण, वहां बदलेगा रिवाज या बरकरार रहेगा राज, जानिए
cj
cj
Lok Sabha Elections 2024: बर्धमान-दुर्गापुर संसदीय क्षेत्र में पिछले तीन चुनावों में हर बार नए दल की जीत होती रही है। खनिजों से समृद्ध इस क्षेत्र में रिवाज रहेगा बरकरार या बदलेगा। पढ़िए कानाराम मुण्डियार की ग्राउंड रिपोर्ट में-

Lok Sabha Elections 2024: हॉट सीट आसनसोल का चुनावी मिजाज जानने के बाद मैंने बर्धमान-दुर्गापुर सीट के लिए रुख किया। आसनसोल से कोलकाता के बीच सरकारी बसों के अलावा निजी वोल्वो बस सेवा चलती है। मैं भी दुर्गापुर जाने के लिए वोल्वो बस में सवार हुआ। आसनसोल से कोलकाता की ओर बढ़ रही ग्रांड ट्रंक रोड अब सिक्सलेन हाईवे है। सुगम हाईवे पर अच्छी रफ्तार से यात्रा सुखद महसूस हो रही है। हाईवे पर कुछ जगह पुलों का काम चल रहा है। जो बढ़ते हुए विकास की गवाही दे रहा हैं। बस में पास की सीट पर बैठे बुजुर्ग ने हाईवे की तरफ इशारा करते हुए कहा, देखिए मोदीजी के राज में अयोध्या में राम मंदिर ही नहीं बना, बल्कि विकास में भी कितना कुछ बदलते दिख रहा है।

लाखों लोगों की आजीविका और शहर की पहचान है DSP

कोयला खनिज के लिए समृद्ध आसनसोल की पहचान जिस तरह कोल अंचल के रूप में हैं, उसी तरह बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र के औद्योगिक शहर दुर्गापुर की पहचान स्टील माइन्स व इण्डस्ट्री के कारण डीएसपी (दुर्गापुर स्टील प्लांट्स) यानी स्टील अंचल के रूप में हैं। दामोदर नदी किनारे बसे दुर्गापुर शहर के नजदीक पहुंचने से पहले हाईवे के दोनों ओर स्टील प्लांट्स की चिमनियों से उठ रहा धुआं बता रहा है कि यहां की धड़कन में लौह-इस्पात के खनिजों के भंडार व स्टील इण्डस्ट्री का अहम योगदान है। लाखों लोगों की आजीविका इण्डस्ट्री से जुड़ी है। 

‘कोई भी जीते या हारे, हम लोगों का कुछ नहीं होगा’

दुर्गापुर में सिटी सेंटर पर पश्चिम बंगाल सरकार का बस स्टेशन (SBSTC) बना हैं। यहां से निजी व सरकारी बसों का संचालन हो रहा है। बस स्टैण्ड पर बसों से नीट कोचिंग करने वाले कुछ विद्यार्थी भी उतरे हैं। इन विद्यार्थियों ने कोटा के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान की टी-शर्ट पहन रखी है। विद्यार्थियों की चहल-पहल से अंदाजा हुआ कि दुर्गापुर में शिक्षा व मेडिकल की पढ़ाई के प्रति विशेष ललक है। हर साल यहां से कई विद्यार्थियों का चयन मेडिकल सेवा के लिए हो रहा है। चाय की थड़ी पर बैठे लोगों से चुनाव का माहौल पूछा तो बोले यहां तो इस बार भी बीजेपी ही आएगी। वजह पूछी तो चाय पी रहे माधव बोले, वैसे तो भाजपा के सांसद एस.एस. अहलूवालिया ने क्षेत्र में कोई विशेष काम नहीं किया। फिर भी यहां लोगों की पहली पसंद टीएमसी की बजाय भाजपा ही हैं। दिलीप ने कहा कि हम लोग राजनीति नहीं करते। कोई भी जीते या हारे, हम लोगों का कुछ नहीं होगा। चुनाव में नेताओं की ओर से ये करेंगे, वेे करेंगे के वादे जरूर होते हैं। चुनाव जीतने के बाद पलटकर कोई नहीं देखता।

दुर्गापुर रेलवे स्टेशन पर सुविधा व स्वच्छता का अभाव 

दुर्गापुर से आगे बढ़कर दूसरी बस से मैं बर्धमान शहर पहुंचा। यहां दिल्ली-कोलकाता लाइन पर रेलवे का जंक्शन है, जहां से दिल्ली व कोलकाता मार्ग के अलावा बंगाल नॉर्थ-साउथ के लिए भी कनेक्टिविटी है। लेकिन रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म, यात्री विश्राम कक्ष व स्टेशन बाहर के हालात अच्छे नहीं है। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए सुविधा व स्वच्छता का अभाव सा है।

चुनावी सभाओं पर जोर

इस सीट पर 13 मई को मतदान है। चुनाव प्रचार में मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए भाजपा व तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के स्टार प्रचारक चुनावी बैठकें कर रहे हैं। नए उद्योग स्थापित कर रोजगार के साधन बढ़ाने एवं वंचित क्षेत्रों में पेयजल समस्या के समाधान एवं विकास के वादे हो रहे हैं। 

आशंकित हैं सभी उम्मीदवार

इस लोकसभा क्षेत्र के अन्तर्गत सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें से छह विधानसभा क्षेत्रों (बर्धमान दक्षिण, बर्धमान उत्तर, मंतेश्वर, भातर, गलसी व दुर्गापुर पूर्व) पर टीएमसी काबिज है, तो एक सीट दुर्गापुर पश्चिम पर भाजपा। यह बात अलग है कि यहां पिछले तीन लोकसभा चुनावों में कोई भी दल लगातार नहीं जीत पाया है। एक-एक बार सीपीएम, टीएमसी व भाजपा के सांसद निर्वाचित हुए। वर्तमान में भाजपा के एस.एस. आहलुवालिया सांसद हैं, जिन्हें भाजपा ने आसनसोल से उतार दिया है। भाजपा ने बर्धमान-दुर्गापुर सीट से इस बार मेदिनीपुर के सांसद व भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष को उतारा है तो टीएमसी ने पूर्व क्रिकेटर व पूर्व सांसद कीर्ति आजाद को प्रत्याशी बनाया है। वामदल सीपीएम ने सुकृति घोषाल को टिकट देकर समीकरण को त्रिकोणीय बना दिया है। चूंकि इस सीट पर पिछले तीन चुनावों में तीनों दल एक-एक बार जीत चुके हैं, इसलिए इस बार के चुनाव में अपनी जीत को लेकर कोई भी पूरी तरह आश्वस्त नहीं दिख रहा। लोगों में चर्चा है कि इस बार पुराने रिवाज से जीत किसी दूसरे दल की होगी या फिर रिवाज बदलेगा यानी भाजपा दूसरी बार जीतेगी, यह जनता के मूड पर निर्भर करेगा।

Become a Member to get a detailed story

  • Access to all paywalled content on-site
  • Ad-free experience across The PABNA
  • Listen to paywalled content
  • Early previews of our Special Projects

cj

chetan
Official Verified Account

Sr. Editor author and Co-founder of the PABNA, The Civilian and Citizen Journalist daily newspaper. Chetan reports on politics and current affairs. He is an active member and a renowned name in the Utter Pradesh media community.

आपकी प्रतिक्रिया?


आपको यह भी पसंद आ सकता हैं

टिप्पणियाँ

https://pabna.in/assets/images/user-avatar-s.jpg
इसके लिए पहली टिप्पणी लिखें!