हीटवेव अलर्ट: इस वजह से शहरों की गर्मी में हुई 60 फीसदी वृद्धि, रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा।
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हीटवेव अलर्ट: एक अध्ययन में दावा किया गया है कि अकेले शहरीकरण ने देश के शहरों में गर्मी को 60 फीसदी तक बढ़ा दिया है।

Heatwave Alert: एक अध्ययन में दावा किया है कि अकेले शहरीकरण ने देश के शहरों में गर्मी को 60 फीसदी तक बढ़ा दिया है। पूर्वी भारत के टियर-2 शहर इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। अध्ययन के अनुसार शहरी परिदृश्य में आता बदलाव वाष्पीकरण की वजह से वातावरण के ठंडे होने के प्रभाव को खो देता है। शहरों में बढ़ता कंक्रीट और डामर वायु प्रवाह में बदलाव व बढ़ती इंसानी गतिविधियों जैसे कारण गर्मी को रोके रखता है। आईआईटी भुवनेश्वर से जुड़े शोधकर्ता सौम्या सत्यकांत सेठी व वी विनोज की ओर से किए इस अध्ययन के नतीजे अंतराष्ट्रीय जर्नल नेचर सिटीज में प्रकाशित हुए हैं।

बढ़ता कंक्रीट व भूमि उपयोग में बदलाव से अतिरिक्त गर्मी

शोधकर्ताओं ने दो दशक के दौरान देश के 141 प्रमुख शहरों में बढ़ते तापमान पर शहरीकरण और स्थानीय जलवायु में आते बदलावों के प्रभावों का अध्ययन किया है। शोधकर्ताओं का मानना है कि जहां ग्रामीण और गैर-शहरी क्षेत्रों में बढ़ते तापमान के पीछे की वजह क्षेत्रीय तौर पर जलवायु में आता बदलाव है। वहीं शहरों में बढ़ते तापमान के लिए जलवायु परिवर्तन और शहरीकरण दोनों ही जिम्मेवार हैं। इसका अर्थ है कि शहरों में बढ़ता कंक्रीट और भूमि उपयोग में आता बदलाव अतिरिक्त गर्मी पैदा कर रहा है।

भारतीय शहरों में इस तरह बढ़ी गर्मी

अध्ययन किए शहरों में शहरीकरण ने बढ़ते तापमान में औसतन 0.2 डिग्री सेल्सियस प्रति दशक का योगदान दिया है। इसका मतलब है कि शहरों में बढ़ती गर्मी के कुल 37.7 फीसदी हिस्से के लिए शहरीकरण जिम्मेवार है।

अध्ययन में आंकड़ों के हवाले से कहा गया कि शहरीकरण से भुवनेश्वर में गर्मी में 90 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं जमशेदपुर में यह आंकड़ा 100 फीसदी दर्ज किया गया। रायपुर में 77.7 फीसदी, पटना में 67.2 फीसदी, इंदौर में 66.9 फीसदी, भिलाई में 65.4 फीसदी, औरंगाबाद में 61.8 और पुणे के बढ़ते तापमान में 61.2 फीसदी के इजाफे के लिए शहरीकरण जिम्मेवार रहा।


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ravikash
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Ravikash started working for PABNA in 2013. He covers politics, the economy, new technology, and cryptocurrency. Previously he wrote for The Civilian & Citizen Journalist newspapers and magazines.

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