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अब जब आप यूपी के सरकारी अस्पतालों में जाएंगे, तो स्टाफ आपको बेहतर सेवा और अपनत्व भरे व्यवहार के साथ मदद करता दिखेगा। योगी सरकार ने सरकारी अस्पतालों के फ्रंटलाइन स्टाफ को मरीजों और उनके तीमारदारों के साथ अच्छे व्यवहार और सम्मानजनक देखभाल के लिए प्रशिक्षित करने का निर्देश दिया है। इसका उद्देश्य अस्पतालों में आने वाले मरीजों को बेहतर अनुभव और सुविधाएं प्रदान करना है। इस प्रशिक्षण से न सिर्फ सरकारी अस्पतालों की छवि सुधरेगी, बल्कि लोगों के मन में इन संस्थानों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी बनेगा।
बेहतर व्यवहार से सुधार होगी स्वास्थ्य सेवा की छवि
प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर फ्रंटलाइन स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें रिसेप्शनिस्ट, वार्ड सहायक, सुरक्षा गार्ड, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट और लैब तकनीशियन शामिल हैं। यह पहल अस्पतालों की सेवा गुणवत्ता और मरीजों के अनुभव को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मुख्यमंत्री का मानना है कि सम्मानजनक और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं जन स्वास्थ्य सेवा का प्रमुख हिस्सा होनी चाहिए।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने बताया कि प्रदेश के हर जनपद से मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया गया है, जो अपने जिले के अस्पतालों के फ्रंटलाइन स्टाफ को ट्रेनिंग देंगे। इस पहल से मरीजों को बेहतर सेवा और सम्मानजनक व्यवहार प्राप्त होगा, जिससे उनके उपचार का अनुभव और बेहतर होगा।
डॉ. अर्चना वर्मा ने कहा कि सुरक्षा गार्ड, स्वागत कक्ष के कर्मी और वार्ड सहायक पहले संपर्क बिंदु होते हैं, इसलिए उनका व्यवहार अहम होता है। कई अस्पतालों में यह प्रशिक्षण शुरू हो चुका है और बाकी स्थानों पर भी जल्द ही शुरू किया जाएगा।
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