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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 1 जून तक अंतरिम जमानत दी है, जो कि 2024 के लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण की मतदान तिथि है। कथित दिल्ली शराब उत्पाद शुल्क नीति घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 मार्च को आम आदमी पार्टी के नेता को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल को 2 जून तक जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करना होगा। सुप्रीम कोर्ट में आज इस जमानत याचिका पर सुनवाई हुई, जहां जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने यह फैसला सुनाया।
सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से अनुरोध किया कि जमानत की अवधि समाप्त होने पर केजरीवाल को आत्मसमर्पण करने को कहा जाए। इसके जवाब में कोर्ट ने आदेश दिया कि मुख्यमंत्री को 2 जून को आत्मसमर्पण करना होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि केजरीवाल की जमानत याचिका पर अगले हफ्ते बहस समाप्त करने की कोशिश की जाएगी। हालांकि, जमानत की शर्तों पर कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है।
अरविंद केजरीवाल के वकील शादान फरासत ने बताया कि अदालत ने बहुत ही छोटा मौखिक आदेश दिया है और इस आदेश को जल्द ही अपलोड किया जाएगा। फरासत ने यह भी बताया कि केजरीवाल को चुनाव प्रचार करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर, आज ही उनकी रिहाई की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्रवर्तन निदेशालय ने इस जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि चुनाव प्रचार करना कोई मौलिक, संवैधानिक या कानूनी अधिकार नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत का आदेश दिया है, जिससे उन्हें चुनाव प्रचार करने का मौका मिलेगा, लेकिन 2 जून तक उन्हें आत्मसमर्पण करना होगा।
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