सोवारिग्पा अस्पताल (आयुर्वेदिक अस्पताल) की सौगात काशीवासियों को जल्द ही I
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महात्मा बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ की जनता को मोदी-योगी सरकार बड़ा तोहफा देने जा रही है। यहां 95 करोड़ की लागत से बन रहा ‌’सोवा रिग्पा’ जल्द ही जनता के हवाले किया जाएगा।
 प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को मोदी और योगी सरकार बड़ा तोहफा देने जा रही है। यहां 95 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा प्राचीन चिकित्सा पद्धति का अस्पताल ‘सोवा रिग्पा’ जल्द ही जनता के हवाले किया जाएगा। दरअसल, काशी में उत्तर प्रदेश का पहला तिब्बती अस्पताल सारनाथ में बनकर तैयार हो चुका है। पीएम मोदी जल्द ही इसका उद्घाटन करेंगे। यानी केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में सोवारिग्पा अस्पताल (आयुर्वेदिक अस्पताल) की सौगात काशीवासियों को जल्द ही मिलेगी।
तिब्बती संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि ‘सोवा रिग्पा’ अस्पताल को शुरू होने में लगभग दो महीने का समय लगेगा। हालांकि इसे मार्च 2024 तक पूरा हो जाना था। अस्पताल का निर्माण कार्य अपने अंतिम दौर में है। यह प्रधानमंत्री के 100 दिन के कार्यक्रम में शामिल है।

 

सोवा रिग्पा अस्पताल का बिल्डिंग (जी-4) बनकर तैयार हो गया है। कुछ मेडिकल इक्यूपमेंट की खरीदारी करनी बाकी है। इस अस्पताल के शुरू होने से काशी ही नहीं पूर्वांचल समेत प्रदेश की जनता को तिब्बती चिकित्सा पद्धति से इलाज की सुविधा मिलेगी।

शोध के साथ होगा मरीजों का उपचार

मरीजों के इलाज के साथ यहां शोध भी होंगे। सेमिनार, अध्यापन, शोध और मरीजों का इलाज एक साथ करने वाला यह देश में इकलौता इतना बड़ा केंद्र होगा। 95 करोड़ की लागत से तैयार होने वाला ये अस्पताल 100 बेड का होगा। अस्पताल के उद्घाटन के बाद यहां पर इलाज के साथ अध्ययन और शोध के काम भी होंगे। तीन हजार साल पुरानी तिब्बती चिकित्सा पद्धति सोवा रिग्पा में असाध्य बीमारियों के साथ ही कैंसर का भी इलाज प्राचीन चिकित्सा पद्धति से हो सकेगा। इसका निर्माण मार्च 2024 तक हो जाना था, लेकिन निर्माण एजेंसी की धीमी रफ्तार के कारण इसे आगे बढ़ाना पड़ा।

अस्पताल में मिलेंगी ये सुविधाएं

सोवा रिग्पा अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए सभी सुविधाओं के साथ ही हेलिपैड का निर्माण भी प्रस्तावित है। अस्पताल में कांफ्रेंस समेत विभिन्न गतिविधियों के लिए आधुनिक ऑडिटोरियम तैयार किया गया है। इसमें पांच सौ लोग एक साथ बैठ सकेंगे। इसमें ओपीडी, आईपीडी, छह कंसल्टेंट रूम, ज्योतिष कंसल्टेंट रूम, अत्याधुनिक इमरजेंसी, इंटेंसिव केयर यूनिट, ऑपरेशन थियेटर, फार्मेसी के साथ एक बड़ा वेटिंग हॉल, क्लासरूम, लाइब्रेरी, म्यूजियम, लैब और नक्षत्र शाला भी होगी।

इलाज के लिए हिमालयी क्षेत्र से आती हैं जड़ी बूटियां

रोवा रिग्पा चिकित्सा पद्धति में मरीजों के इलाज के लिए यहां हिमालयी क्षेत्र से जड़ी बूटियां आती हैं। अरुणाचल प्रदेश के तमांग में करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर पांच एकड़ का हर्बल गार्डन है। सोवा रिग्पा पद्धति से इलाज के लिए संस्था औषधियां भी खुद बनाती है।
कुलसचिव डॉ. सुनीता चंद्रा ने बताया कि वर्तमान में सोवा रिग्पा की ओपीडी पुराने भवन में संचालित हो रही है। रोजाना सौ मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आते हैं।केंद्रीय तिब्बती उच्चतर संस्थान के कुलसचिव डॉ. सुनीता चंद्रा ने कहा कि तिब्बती चिकित्सा पद्धति का लाभ जल्द पूर्वांचल समेत प्रदेश की जनता को मिलेगा। अस्पताल के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है और पूरा प्रशासनिक अमला इसमें लगा हुआ है।

 


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