चुनाव आयोग ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस दोनों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि वे चुनाव प्रचार के दौरान धार्मिक मुद्दों और अग्निवीर योजना पर बयानबाजी से बचें
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Lok Sabha Elections 2024 : चुनाव आयोग ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस दोनों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि वे चुनाव प्रचार के दौरान धार्मिक मुद्दों और अग्निवीर योजना पर बयानबाजी से बचें। यह कदम चुनाव प्रचार में भड़काऊ और विवादास्पद बयानों पर रोक लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

Lok Sabha Elections 2024 : आम चुनाव में पांचवें चरण का मतदान समाप्त होने के बाद चुनाव आयोग ने देश के दो प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस को जाति, समुदाय, भाषा और धार्मिक आधार पर प्रचार करने से बचने की सलाह दी है। आयोग ने दोनों दलों से कहा कि वे अपने स्टार प्रचारकों को अपने भाषण सुधारने, सावधानी बरतने और मर्यादा बनाए रखने के लिए औपचारिक नोट जारी करे। आयोग ने कहा कि चुनाव आते जाते रहते हैं पर राजनीतिक दल बने रहेंगे। भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक तानेबाने की रक्षा करना सबसे बढ़ कर है।भाजपा-कांग्रेस को दिया निर्देश

दोनों दलों की ओर से एक-दूसरे के खिलाफ की गई शिकायतों की समीक्षा के बाद चुनाव आयोग ने बुधवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अलग-अलग पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा कि उनके स्टार प्रचारक आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन करें। आयोग ने कहा कि इसके लिए उन्हें निर्देश जारी किया जाए। क्योंकि, स्टार प्रचारकों के कथित बयानों पर दोनों पार्टियों द्वारा पेश किया गया बचाव टिकने वाला नहीं है।

दरार पैदा करने वाली बात से दूर रहें

आयोग ने नड्डा को लिखे पत्र में निर्देश दिया कि पार्टी अध्यक्ष के रूप में वह ऐसे भाषण और वक्तव्य न होने दें जो ‘समाज में दरार पैदा कर सकते हैं’। आयोग ने लिखा कि पार्टी के संबंधित स्टार प्रचारक ऐसी कहानियां सुना रहे हैं जो आचार संहिता के बाद भी घातक हो सकते हैं। कांग्रेस की शिकायत पर आयोग के 28 अप्रैल के नोटिस का जवाब नड्डा की ओर से 13 मई को दिया था।

संविधान के खिलाफ भ्रम न फैलाएं

आयोग ने खड़गे को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि प्रचारक ऐसे भ्रामक बयान न दें कि भारत के संविधान को समाप्त किया जा सकता है या बेचा जा सकता है। प्रचारकों और उम्मीदवारों को सेना की गतिविधियों के खिलाफ टिप्पणी न करने और रक्षा बलों की सामाजिक-आर्थिक संरचना के बारे में विभाजनकारी बयान से दूर रहें।

चुनाव आयोग के निर्देश:

1. धार्मिक मुद्दे: चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी पार्टी को धार्मिक भावनाओं को भड़काने या धार्मिक आधार पर वोट मांगने की अनुमति नहीं होगी। यह निर्देश इसलिए जारी किया गया है ताकि चुनाव प्रक्रिया में सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे और किसी भी प्रकार का तनाव उत्पन्न न हो।

2. अग्निवीर योजना: अग्निवीर योजना, जो कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सैन्य भर्ती से संबंधित है, पर किसी भी प्रकार की विवादास्पद टिप्पणी से बचने के लिए कहा गया है। चुनाव आयोग ने इस मुद्दे को चुनावी राजनीति से दूर रखने की अपील की है ताकि सेना और देश की सुरक्षा से जुड़े विषयों पर राजनीति न हो।

निर्देशों का पालन:

- भाजपा और कांग्रेस: दोनों प्रमुख पार्टियों को चुनाव आयोग के इन निर्देशों का सख्ती से पालन करने के लिए कहा गया है। किसी भी उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

- अन्य पार्टियां: चुनाव आयोग ने अन्य राजनीतिक दलों को भी इन निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है, ताकि चुनावी माहौल शांतिपूर्ण और सकारात्मक बना रहे।

उद्देश्य:

इन निर्देशों का मुख्य उद्देश्य चुनावों को निष्पक्ष और स्वतंत्र बनाना है। चुनाव आयोग चाहता है कि सभी राजनीतिक दल स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करें और मतदाताओं के समक्ष विकास, सुशासन और अन्य सकारात्मक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें।

चुनाव आयोग का यह कदम एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिससे चुनाव प्रचार में मर्यादा और शिष्टाचार बनाए रखा जा सके और जनता को महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार करने का अवसर मिल सके।


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ravikash
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Ravikash started working for PABNA in 2013. He covers politics, the economy, new technology, and cryptocurrency. Previously he wrote for The Civilian & Citizen Journalist newspapers and magazines.

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