भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने केंद्र सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपए का डिविडेंड देने का निर्णय लिया है
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने केंद्र सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपए का डिविडेंड देने का निर्णय लिया है। यह राशि सरकार के खजाने को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और आर्थिक स्थिति को संवारने में सहायक होगी।

RBI Dividend: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपए के लाभांश (डिविडेंड) का भुगतान करने का ऐलान किया। यह रकम पिछले साल की तुलना में दोगुने से भी अधिक है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आरबीआई ने 87,416 करोड़ रुपये का डिविडेंड सरकार को दिया था। गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) की अध्यक्षता में आयोजित RBI के केंद्रीय निदेशक मंडल की 608वीं बैठक में Dividend भुगतान का निर्णय लिया गया।

बैठक में केंद्र सरकार को अधिशेष (Surplus) के रूप में 2,10,874 करोड़ रुपए ट्रांसफर करने को मंजूरी दी गई। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि सरकार के अनुमान से भी दोगुना पैसा मिलने से सरकार को अपना राजकोषीय घाटा कम करने में मदद मिलेगी। कोटक महिंद्रा की मुख्य अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज ने कहा कि सरकार को RBI से अतिरिक्त राजस्व मिलने से फिस्कल डेफिसिट 0.4% तक कम करने में मदद मिलेगी। 2024-25 के लिए सरकार ने फिस्कल डेफिसिट (fiscal deficit) का टारगेट GDP का 5.1% यानी 16.85 लाख करोड़ रुपए तय किया है।

RBI की ओर से सरकार को दी गई राशि

वर्ष सरप्लस

2016-17 30,659

2017-18 50,000

2018-19 1,76,051

2019-20 57,128

2020-21 99,122

2021-22 30,307

2022-23 87,416

2023-24 2,10,874

 

(राशि करोड़ रुपए में)

डिविडेंड का महत्व:

1. सरकारी खजाना मजबूत: आरबीआई द्वारा दिए गए इस डिविडेंड से सरकारी खजाने में भारी वृद्धि होगी, जिससे विभिन्न विकासात्मक योजनाओं और कल्याणकारी परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी।

2. आर्थिक स्थिरता: इस राशि से केंद्र सरकार को अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी।

प्रमुख बिंदु:

- डिविडेंड राशि: आरबीआई द्वारा घोषित 2.11 लाख करोड़ रुपए का डिविडेंड अब तक का सबसे बड़ा डिविडेंड है, जो आरबीआई और केंद्र सरकार के बीच वित्तीय संबंधों को दर्शाता है।

- उपयोग: यह धनराशि सरकार को विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने और बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराएगी।

संभावित लाभ:

1. विकास योजनाएं: इस डिविडेंड से मिलने वाली राशि का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे के विकास जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं में किया जा सकेगा।

2. राजकोषीय घाटा कम करना: इस धनराशि से केंद्र सरकार को अपने राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी, जिससे आर्थिक स्थिरता और विश्वसनीयता बनी रहेगी।

निष्कर्ष:

आरबीआई का यह डिविडेंड केंद्र सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता है, जो देश के विकास और आर्थिक स्थिरता को प्रोत्साहित करेगी। इस महत्वपूर्ण कदम से विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं को गति मिलेगी और आर्थिक सुधार की दिशा में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।


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ravikash
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Ravikash started working for PABNA in 2013. He covers politics, the economy, new technology, and cryptocurrency. Previously he wrote for The Civilian & Citizen Journalist newspapers and magazines.

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