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भारत और अमेरीका के बीच 3.1 अरब डॉलर के एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन सौदा कभी भी हो सकता है। इसी कड़ी में अमरीका ने भारत को स्वेदशी उन्नत ड्रोन विकसित करने के लिए तकनीक देने का प्रस्ताव दिया है। सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में होने वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में इस पर मंजूरी मिलने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक दोनों इस सौदे में शामिल अमरीकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स के अधिकारी कुछ सप्ताह से भारतीय पक्ष के साथ चर्चा कर रहे हैं। दोनों देश पिछले कुछ वर्षों से ड्रोन सौदे पर चर्चा कर रहे हैं। इस सौदे के तहत मिलने वाले 31 ड्रोन तीनों सेनाओं को मिलेंगे। ये ड्रोन चेन्नई के निकट आइएनएस राजाजी और गुजरात के पोरबंदर सहित चार स्थानों पर तैनात किए जाएंगे।सूत्रों ने कहा कि कंसल्टेंसी से अत्यधिक उन्नत ड्रोन के विकास में लगने वाले समय में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है।
भारत और अमेरीका के बीच 3.1 अरब डॉलर के एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन सौदा कभी भी हो सकता है। इसी कड़ी में अमरीका ने भारत को स्वेदशी उन्नत ड्रोन विकसित करने के लिए तकनीक देने का प्रस्ताव दिया है। सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में होने वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में इस पर मंजूरी मिलने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक दोनों इस सौदे में शामिल अमरीकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स के अधिकारी कुछ सप्ताह से भारतीय पक्ष के साथ चर्चा कर रहे हैं। दोनों देश पिछले कुछ वर्षों से ड्रोन सौदे पर चर्चा कर रहे हैं। इस सौदे के तहत मिलने वाले 31 ड्रोन तीनों सेनाओं को मिलेंगे। ये ड्रोन चेन्नई के निकट आइएनएस राजाजी और गुजरात के पोरबंदर सहित चार स्थानों पर तैनात किए जाएंगे।सूत्रों ने कहा कि कंसल्टेंसी से अत्यधिक उन्नत ड्रोन के विकास में लगने वाले समय में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है।
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