उत्तर प्रदेश में विधायकों को सांसदों जितनी ही निधि मिलती है। 2022 में योगी सरकार ने इसे 5 करोड़ कर दिया है। इससे पहले विधायक निधि के तौर 3 करोड़ रुपये की राशि मिलती थी।विधायक को स्वास्थ्य निधि के लिए 25 लाख रुपये का बजट मिलता है, जिसे वे गंभीर रूप से बीमार किसी गरीब के इलाज में खर्च कर सकते हैं।
विधायकों की तरह एमएलसी को भी स्वास्थ्य निधि में 25 लाख मिलते हैं। कोई भी विधायक या एमएलसी किसी एक मरीज पर अधिकतम पांच लाख रुपये तक खर्च कर सकना है। इस तरह वे स्वास्थ्य निधि से पांच से छह मरीजों का इलाज करा सकते हैं।
पात्रता के लिए ये जरूरी
विधायक निधि का लाभ देने के लिए विधायक को ग्राम्य विकास विभाग को पत्र लिखना पड़ता है। इसके बाद ग्राम्य विकास विभाग की ओर से अस्पताल से मिले मरीज के बिल का भुगतान किया जाता है। यह मदद असाध्य रोगों जैसे कैंसर, लीवर और किडनी की समस्या से जूझ रहे गंभीर और गरीब रोगियों को ही मिलती है। अधिकतम मदद पांच लाख रुपये तक होती है।
शर्त यह है कि मरीज के परिवार की सालाना आय एक लाख रुपये से ऊपर न हो। वह राज्य व केंद्र सरकार के किसी स्वास्थ्य संबंधी योजना का लाभार्थी न हो। आवेदन के लिए आय, जाति, निवास और आधार समेत कई जरूरी कागजात लगते हैं। ग्राम्य विकास विभाग केवल पीजीआई और एम्स में भर्ती होने पर बिल का भुगतान करता है। अन्य निजी व सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर निधि का लाभ नहीं दिया जाता।
इन मदों में कर सकते हैं खर्च
एक विधायक को एक साल में पांच करोड़ रुपये की विधायक निधि मिलती है।
- सड़क, नाली, और अन्य निर्माण कार्य
- स्कूलों की मरम्मत
- गरीबों का मुफ़्त इलाज
- महापुरुषों के नाम पर स्मारक द्वार
- हैंडपंप
- सोलर स्ट्रीट लाइट
- जिम और ओपन जिम
- व्यायामशालाओं का निर्माण
- कंक्रीट सिटिंग के साथ ओपन एयर मिनी स्टेडियम का निर्माण
- जिला मुख्यालय पर दर्शकों के लिए क्षेत्र
वह स्वास्थ्य सेवाओं, उपकरण, उपचार, स्कूल, बरातशाला, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी, रोड निर्माण समेत 30 से अधिक स्थानों पर धनराशि खर्च कर सकते हैं।
आपके विधायक ने विकास निधि से कहां क्या काम कराया इसकी जानकारी आप खुद घर बैठे जान सकेंगे। सरकार ने इसके लिए एक एप तैयार किया है।इसका फायदा न केवल आम जनता को मिलेगा बल्कि विधायकों को भी सहूलियत मिलेगी। वह देख पाएंगे किस क्षेत्र में कितना पैसा खर्च हुआ है और क्या काम पूरा कराया जा चुका है।
बता दें कि अभी तक खर्च का ब्योरा सिर्फ विधायक या फिर सीडीओ कार्यालय के पास रहता था। अब आम लोग भी विधायक निधि से होने वाले खर्च को आधिकारिक तौर पर जान सकेंगे। इस एप का नाम है एमएलए लोकल एरिया डेवलपमेंट एप LAD(local area development)। सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए इस ऐप को तैयार किया गया है। जहां विधायक निधि के खर्चे की सारी डिटेल दर्ज होगी।
जनता को फायदा
विधायक निधि के खर्च का रिकॉर्ड ट्रैक किया जा सकेगा। अब तक सीधे तौर पर ऐसी डिटेल आम जनता के लिए उपलब्ध नहीं रहती थी।
विधायकों को भी सहूलियत
आम जनता ही नहीं विधायक को भी इस ऐप का फायदा मिलेगा। वह देख पाएंगे कि निधि का पैसा कितना खर्च हो चुका है, कितना बाकी है। किस इलाके में क्या-क्या काम हो चुके हैं।इन पर डीआरडीए ने क्या एक्शन लिया है।