यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक झांसी मेडिकल कॉलेज की घटना के बाद एक्टिव मोड में दिख रहे हैं। उन्होंने प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग/चिकित्सा शिक्षा विभाग को पत्र जारी कर आदेश दिया है। इसमें कहा गया है कि उनके निरीक्षण के दौरान कहीं भी चूने का छिड़काव न कराया जाए। इसके अलावा कार्पेट भी न बिछाई जाए। उन्हें कोई भी पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित न करे। इसके एवज में अस्पतालों की साफ-सफाई पर विशेष फोकस रखा जाए। सभी चिकित्सा स्टाफ पूरी ईमानदारी के साथ मरीजों की सेवा करे। डिप्टी सीएम ने प्रमुख सचिव को पूरे प्रदेश के अस्पतालों को इन निर्देशों से अवगत कराने का आदेश दिया है।दरअसल, झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआइसीसीयू) वार्ड में आग लगने से लगभग एक दर्जन बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद डिप्टी सीएम ने झांसी का दौरा किया। डिप्टी सीएम के दौरे की जानकारी पर झांसी में चूने का छिड़काव किया गया। डिप्टी सीएम के पहुंचने पर उन्हें पुष्पगुच्छ आदि भी दिए गए थे। यूपी में इसको लेकर सियासत भी गरमाई थी। इसके बाद से डिप्टी सीएम ने ताबड़तोड़ कई आदेश जारी किए।
सबसे पहले डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सभी अस्पतालों में अग्निशमन व्यवस्था पूरी करने का निर्देश दिया। साथ ही झांसी जैसी घटना दोबारा न हो। इसके लिए सभी उचित प्रबंध करने का निर्देश दिया था। हालांकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि दो नवजातों की मौत बर्न इंजरी से नहीं बल्कि बीमारी की वजह से हुई है। इस मामले में सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी एक्शन लिया है। एनएचआरसी ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी किया है। जिसमें एक सप्ताह के भीतर लापरवाही पर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।
सीएचसी-पीएचसी के लिए भी दिशा-निर्देश जारी
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने जिला स्तरीय अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज के अलावा सीएचसी-पीएचसी पर भी अग्निशमन के पर्याप्त साधन रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में फायर अलार्म चेक किए जाएं। वॉर्डों के बाहर सूचना पट पर आग लगने की स्थिति में सतर्कता संबंधी जानकारी दर्ज की जाए। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों से संपर्क कर वहां भी फायर सेफ्टी ऑडिट एवं मॉक ड्रिल कराई जाए। आमजन को उच्चस्तरीय एवं निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी दिशा में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।