कांग्रेस के ‘वेल्थ डिस्ट्रीब्यूशन’ (Wealth Distribution) वाले वादे पर राजनीतिक घमासान चल रहा है. इस बीच इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने भारत में अमेरिका-जैसा 'विरासत टैक्स' (Inheritance Tax) का ज़िक्र कर दिया. कहते ही वो BJP के निशाने पर आ गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों तक ने कहना शुरू कर दिया कि ये ‘मिडल क्लास का पैसा लूटने की योजना’ है. कांग्रेस ने भी ख़ुद को उनकी टिप्पणी से दूर कर लिया है. कहना पड़ा कि पित्रोदा के विचार हमेशा कांग्रेस की राय से मेल नहीं खाते. यहां तक कि पित्रोदा को ख़ुद भी सफ़ाई देनी पड़ी, कि वो बस मिसाल दे रहे थे.
यहां सवाल बनता है कि ऐसा क्या है कि विरासत टैक्स का रेफ़्रेंस भर से पार्टी ने हाथ खींच लिए और ख़ुद भी सफ़ाई देनी पड़ी.
विरासत टैक्स क्या होता है?अमेरिका में ऐसे दो तरह के टैक्स हैं - एस्टेट टैक्स और इनहेरिटेंस टैक्स. हिंदी में, संपत्ति कर और विरासत कर. कहा जाता है कि दोनों का कहीं-कहीं ग़लत इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि दोनों ही मृतकों और उनकी संपत्ति से संबंधित हैं. अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग टैक्स लगता है.
एस्टेट टैक्स (Estate Tax)‘डेथ टैक्स’ भी कहते हैं. किसी की मृत्यु के बाद जो संपत्ति ट्रांसफ़र होती है, उस पर लगाया जाने वाला एक फ़ेडरल टैक्स है. और, ये टैक्स संपत्ति के मालिक पर लगता है, उत्तराधिकारी पर नहीं. 18% से 40% के बीच. मालिक और उत्तराधिकारी/लाभार्थी के रिश्ते के आधार पर तय किया जाता है.
मसलन: फ़र्ज़ कीजिए कि मैरी नाम की महिला का निधन हो गया और वो अपने पीछे 5 मिलियन डॉलर (करीब 42 करोड़ रुपये) की संपत्ति छोड़ गईं. अब उनके उत्तराधिकारियों को उनकी संपत्ति का हिस्सा मिलने से पहले, उस संपत्ति पर लगेगा एस्टेट टैक्स.
कैसे कैलकुलेट होगा? मान लेते हैं कि मैरी के बेटे को संपत्ति ट्रांसफ़र होनी है. रिश्ते के आधार पर 40% टैक्स लगेगा और छूट सीमा 3.5 मिलियन डॉलर है. तो टैक्स आएगा:
(5 मिलियन - 3.5 मिलियन) का 40% = 1.5 मिलियन का 40% = 6,00,000 डॉलर.
इनहेरिटेंस टैक्स (Inheritance Tax):
जिसे संपत्ति मिलती है, उस पर लगाया जाता है. केवल तभी लागू होता है, जब व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है.
मसलन: मान लीजिए कि जॉन की मृत्यु हो जाती है और वो अपनी संपत्ति अपने तीन बच्चों के लिए छोड़ देता है. जितना हिस्सा जिस बच्चे के हिस्से आया, उसे उतना टैक्स भरना पड़ेगा. अगर किसी को ज़्यादा विरासत मिलती है, तो उन्हें अपने भाई-बहनों की तुलना में टैक्स भी भरना होगा.
कैसे कैलकुलेट होगा?
हर राज्य में विरासत टैक्स नहीं लगता है, इसीलिए मान लीजिए जॉन पेंसिलवेनिया के रहने वाले थे और उन्होंने अपने पीछे 1.5 मिलियन डॉलर (साढ़े 12 करोड़ रुपये) की संपत्ति छोड़ी. उनके तीन उत्तराधिकारी हैं: उनकी पत्नी, उनका बच्चा और उनका भाई.
पेंसिलवेनिया का क़ानून उत्तराधिकारियों को अलग-अलग कैटगरी में बांटता है. सब पर अलग-अलग टैक्स लगता है. 2022 के लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक़:
- जीवित पति या पत्नी के लिए 0%.
- प्रत्यक्ष वंशजों (जैसे बच्चे) के लिए 4.5%.
- भाई-बहनों के लिए 12%.
- अन्य उत्तराधिकारियों - जैसे भतीजियों, भतीजों और असंबंधित व्यक्तियों - के लिए 15%.
तो इस मिसाल में जॉन की पत्नी पर एक डॉलर भी बकाया नहीं होगा. जॉन के बच्चे पर 4.5% टैक्स लगकर बनता है 67,500 डॉलर. जॉन के भाई पर लगेंगे, 12%. माने उन पर बकाया आएगा 1 लाख 80 हजार डॉलर.
अमुक अमेरिकी पर विरासत टैक्स लगेगा या नहीं, ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप कहां रहते हैं, मृतक के साथ आपका रिश्ता क्या है और विरासती संपत्ति का मूल्य कितना है.
टैक्स के समर्थकों का तर्क है कि इससे धन की ग़ैर-बराबरी को कम करने और सरकार के लिए राजस्व पैदा करने में मदद मिलती है. वहीं विरोधी तर्क देते हैं कि विरासत टैक्स की वजह से बचत और निवेश पर ख़राब असर पड़ता है और वो लोग फ़र्ज़ी में फंस जाते हैं, जिन्हें संपत्ति विरासत में मिलती है.