आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी को लेकर सियासी घमासान जारी है। तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट मामले पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय महासचिव बजरंग बागड़ा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि हिंदुओं की भावनाओं के साथ इस प्रकार का खिलवाड़ जानबूझ कर और लंबे समय से किया जा रहा है। इससे पूरे हिंदू समाज में आक्रोश की लहर है। हिंदुओं की आस्था पर बार-बार हो रहे इस प्रकार के हमलों को हिंदू समाज अब और बर्दाश्त नहीं करेगा। भगवान तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जिस प्रकार विभिन्न पशुओं का मांस मिलाया गया, यह अत्यंत घृणित एवं असहनीय कृत्य है।
मंदिरों की संपत्ति के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया
बजरंग बागड़ा ने मंदिरों की संपत्ति के दुरुपयोग का भी मुद्दा उठाया। कहा कि इसके अंतर्गत कई अन्य मुद्दे भी हैं जिनमें मंदिरों की संपत्ति का दुरुपयोग और अतिक्रमण किया जाता है। इनका उपयोग गैर-हिंदू उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है। तिरुपति मंदिर की घटना के बाद हमारी मांग और मजबूत हो गई है कि हिंदू मंदिरों से सरकारी नियंत्रण खत्म होना चाहिए।
प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री नारा लोकेश ने तिरुपति प्रसादम (लड्डू) में पशु चर्बी के कथित उपयोग पर हैरानी जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर हमारा सबसे पवित्र मंदिर है। मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी प्रशासन ने तिरुपति प्रसादम में घी की जगह पशु चर्बी का इस्तेमाल किया। वहीं, राज्य कांग्रेस प्रमुख वाईएस शर्मिला ने नायडू के दावे की पुष्टि के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मांग की।