कोल्हान टाइगर के नाम से मशहूर चंपई ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सारे रिश्ते तोड़ दिए हैं। इससे अब साफ हो गया है कि इस बार झारखंड विधानसभा का चुनाव झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए सरल नहीं होने जा रहा है। विधानसभा का चुनाव दिसंबर के अंत तक है और इससे पहले मुकाबला त्रिकोण हो गया है। कोल्हान टाइगर ने कहा कि वह संघर्ष करेंगे और नई पार्टी को खड़ा करेंगे साथ ही चंपई सोरेन ने कहा कि अगर इस दौरान रास्ते में कोई दोस्त मिला तो वह उससे हाथ भी मिलाएंगे। मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद चंपई सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था, इस्तीफा देने के कुछ दिन बाद उनकी नाराजगी उभर कर सामने आई थी।
जुलाई में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जेल से रिहाई मिली और ठीक 24 घंटे अंदर ही चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद से हटाकर हेमंत सोरेन फिर से मुख्यमंत्री बन गई। चंपई हेमंत के जेल जाने के बाद मुख्यमंत्री बने थे और 3 जुलाई तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे। उन्हें शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन का बहुत करीबी माना जाता था। अब चंपई ने नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है। इसका नाम और सिंबल क्या होगा यह आने वाले दिनों में पता चलेगा।
इस्तीफे के बाद छलका था चंपई सोरेन का दर्द
चंपई सोरेन का दर्द झारखंड के सीएम पद से हटने पर छलक पड़ा था। सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद चंपई सोरेन ने कहा था कि उन्हें थोड़ा और समय मिलता तो राज्य के विकास के लिए और भी बहुत कुछ करने की इच्छा थी। अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत में औद्योगिक घरानों के खिलाफ मजदूरों की आवाज उठाने से लेकर झारखंड आंदोलन तक, मैंने हमेशा जन-सरोकार की राजनीति की है। राज्य के आदिवासियों, मूलवासियों, गरीबों, मजदूरों, छात्रों एवं पिछड़े तबके के लोगों को उनका अधिकार दिलवाने का प्रयास करता रहा हूं। किसी भी पद पर रहा अथवा नहीं, लेकिन हर पल जनता के लिए उपलब्ध रहा, उन लोगों के मुद्दे उठाता रहा, जिन्होंने झारखंड राज्य के साथ, अपने बेहतर भविष्य के सपने देखे थे। मीडिया से बात करते हुए चंपई सोरेन ने कहा था कि काम करने वाले व्यक्ति की सभी इच्छाएं कभी पूरी नहीं होतीं। मैंने सीएम के रूप में अच्छा काम करने का प्रयास किया। हमने सभी जाति, समुदाय के लोगों के लिए कई तरह की योजनाएं लाईं। मैं कम समय में जितना काम कर पाया, उससे संतुष्ट हूं।