महाराष्ट्र के तमाम राजनीतिक दलों ने आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मोर्चाबंदी और रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। बीते कुछ दिनों से बैठकों का दौर तेज हो गया है। वहीँ, लोकसभा चुनाव में केवल एक सांसद चुने जाने के बाद अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी भी विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस रही है। इन सभी घटनाक्रमों के बीच शरद पवार और अजित पवार के साथ आने के कयास भी लगाए जा रहे हैं।
महाराष्ट्र में पिछले साल विभाजित हुई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के फिर से एक होने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। खबर है कि अजित पवार एक बार फिर घर वापसी कर सकते हैं। दरअसल, अजित पवार के चाचा शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है। जिससे इन अटकलों को बल मिल गया है।
महाराष्ट्र के एनसीपी (शरद पवार) अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि अजित पवार की उनकी पार्टी में वापसी के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने दोहराया कि सीनियर पवार की एनसीपी उन लोगों को महत्व देगी जो कठिन समय में पार्टी के साथ खड़े रहे। पाटिल का बयान एनसीपी के संस्थापक शरद पवार की बुधवार की टिप्पणी की पृष्ठभूमि में आया है, जिमसें उन्होंने कहा था कि उनके घर के दरवाजे परिवार के लिए खुले रहेंगे, लेकिन पार्टी में किसी की वापसी के बारे में पार्टी नेता फैसला करेंगे।
अजित पवार गुट के बड़े नेता छगन भुजबल ने सोमवार को शरद पवार से मुंबई में उनके आवास ‘सिल्वर ओक’ पर अचानक मुलाकात की। उनके बीच बंद दरवाजे के पीछे डेढ़ घंटे तक चर्चा हुई। इसके अगले ही दिन अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार पुणे स्थित शरद पवार के बंगले पर गई। सियासी गलियारों में इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे है।
बीजेपी नेता ने कही बड़ी बात
महाराष्ट्र के बीजेपी नेता प्रविण दरेकर (Pravin Darekar) ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विधानसभा चुनाव के चलते दल-बदल का सिलसिला शुरू हो गया है। उसी कड़ी में अजित पवार गुट के लोग शरद पवार के गुट मे जा रहे हैं। अगर अजित दादा भी चाचा शरद पवार से हाथ मिलाते हैं तो जाहिर तौर पर इससे विपक्ष की ताकत बढ़ेगी।
‘बीजेपी को नहीं पसंद अजित का साथ’
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने आरएसएस से जुड़े मराठी साप्ताहिक में छपे लेख का हवाला देते हुए दावा किया कि बीजेपी चाहती है कि डिप्टी सीएम अजित पवार की एनसीपी सत्तारूढ़ ‘महायुति’ गठबंधन से बाहर निकल जाए।
हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की साप्ताहिक ‘विवेक’ में एक लेख प्रकाशित हुआ, जिसमें कहा गया था कि 2023 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ गठबंधन के बाद बीजेपी के खिलाफ जन भावना तेजी से उभरी है। इसी का नतीजा है कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने खराब प्रदर्शन किया।
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में एनसीपी के संस्थापक शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी ने महाराष्ट्र में 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था, इनमें से 8 सीटों पर जीत हासिल की। जबकि अजित पवार गुट ने चार सीटों पर प्रत्याशी उतारे, इनमें से एकमात्र रायगढ़ सीट पर विजय मिली।
खुद अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार प्रतिष्ठा की लड़ाई माने जाने वाले बारामती निर्वाचन क्षेत्र में अपनी भाभी सुप्रिया सुले से हार गईं। बीजेपी ने महाराष्ट्र की 28 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन केवल 9 पर ही जीत हासिल कर सकी जबकि उसने 2019 में 23 सीट पर जीत हासिल की थी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बाते करें तो अविभाजित एनसीपी ने 2019 के चुनावों में 54 विधानसभा सीटें जीती थीं। जुलाई 2023 में पार्टी विभाजित हो गई और अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट में 39 विधायक चले गए। राज्य में इसी साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव हो सकते है।