ब्रिटेन में गुरुवार को हो रहे आम चुनाव में इस बार सभी पार्टियों की नजर भारतीय मूल के वोटरों पर हैं। देश की 650 सीटों के लिए 107 भारतीय मूल के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसा कोई प्रमुख दल नहीं है, जिसने भारतवंशियों को टिकट नहीं दी हो। चुनाव अभियान में भी इसका असर साफ दिखा।
ब्रिटेन के दोनों प्रमुख दलों के पीएम उम्मीदवार, वे चाहे भारतवंशी ऋषि सुनक हों या फिर लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर, भारतवंशियों को लुभाने के लिए चुनाव अभियान के अंतिम चरण में मंदिरों को चक्कर लगाते दिखे।
ब्रिटेन की मौजूदा संसद में 15 भारतवंशी सांसद हैं, जिनकी संख्या आगामी संसद में बढ़कर 40 से ज्यादा हो जाने का अनुमान लगाया जा रहा है।
थिंक टैंक ब्रिटिश फ्यूचर के एक विश्लेषण के अनुसार, ब्रिटेन में मौजूदा आम चुनाव के बाद देश के इतिहास में जातीय रूप से सबसे विविधतापूर्ण संसद बनने की उम्मीद है। करीब 14 फीसदी उम्मीदवार जातीय अल्पसंख्यक बैकग्राउंड से आने की उम्मीद है। इसमें देश भर से चुने जाने वाले भारतीय मूल के सांसदों की संख्या भी शामिल है। अनुमानों के अनुसार, अगर लेबर पार्टी को बहुमत प्राप्त होता है, तो पार्टी के पास जातीय अल्पसंख्यक सांसदों की संख्या अब तक की सबसे अधिक होगी। इतना ही नहीं, भारी बहुमत की स्थिति में यह संख्या और भी अधिक होगी। पार्टी ने मौजूदा चुनाव में 33 भारतवंशियों को टिकट दी है।