प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मणिपुर, नीट पेपर लीक समेत कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने बताया कि सरकार मणिपुर में हालात सामान्य बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने उपद्रवियों को कड़ा संदेश भी दिया।
पीएम मोदी ने कहा, “मणिपुर की स्थिति सामान्य करने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। वहां जो घटनाएं घटीं, 11 हजार से ज्यादा एफआईआर की गई हैं, 500 से ज्यादा लोग अरेस्ट हुए हैं। इस बात को भी हमें स्वीकार करना होगा कि मणिपुर में लगातार हिंसा की घटनाएं कम होती जा रही हैं। आज मणिपुर के अधिकांश हिस्सों में स्कूल-कॉलेज संस्थान खुले हुए हैं। जैसे देश में परीक्षाएं हुईं, वहां भी परीक्षाएं हुई हैं। बच्चों ने अपनी विकास यात्रा जारी रखी है।”
उन्होंने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार सभी से बातचीत करके सौहार्द का रास्ता खोलने की लगातार कोशिश कर रही है। छोटे-छोटे ग्रुपों से बात की जा रही है। गृह मंत्री वहां जाकर कई दिनों तक रहे हैं। अधिकारी भी लगातार जा रहे हैं। समस्या के समाधान के लिए हर प्रकार से प्रयास किए जा रहे हैं।
पीएम मोदी ने किया आगाह
पीएम मोदी ने कहा कि जो भी तत्व मणिपुर की आग में घी डालने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें आगाह करना चाहता हूं कि ये हरकतें बंद करें। एक समय आएगा जब मणिपुर ही उन लोगों को रिजेक्ट करेगा। जो लोग मणिपुर को, मणिपुर के इतिहास को जानते हैं, वो जानते हैं कि वहां सामाजिक संघर्ष का लंबा इतिहास रहा है। इस संघर्ष की मानसिकता की जड़ें बहुत गहरी हैं। इसको कोई नकार नहीं सकता है। कांग्रेस के लोग ये ना भूलें कि इन्हीं हालातों की वजह से इस छोटे से राज्य में 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा है। ये हमारे कार्यकाल में नहीं हुआ है, कुछ तो वजह होगी। लेकिन, फिर भी राजनीतिक फायदा उठाने के लिए वहां हरकतें हो रही हैं। हमें समझदारी के साथ स्थितियों को ठीक करने के लिए प्रयास करना है। जो भी इसमें सहयोग देना चाहें, हम सबको अपने साथ लेने को तैयार हैं। लेकिन, हम सामान्य स्थिति को बरकरार रखने और शांति लाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं।