Share Bazar: भारतीय बैंकिंग सेक्टर ने पहली बार वित्त वर्ष 2023-24 में 3 लाख करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। बैंकों का शुद्ध लाभ 39% बढक़र वित्त वर्ष 2022-23 के 2.46 लाख करोड़ रुपए की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में 3.04 लाख करोड़ रुपए हो गया है। सराकारी बैंकों ने इस दौरान रेकॉर्ड 1.41 लाख करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया, जो कि एक साल पहले की तुलना में 35% की वृद्धि है। वहीं, निजी क्षेत्र के बैंकों का शुद्ध लाभ 1.26 लाख करोड़ रुपए से 41% बढक़र 1.78 लाख करोड़ रुपए हो गया। नेट प्रॉफिट कमाने में भले ही प्राइवेट बैंक सरकारी बैंकों से आगे हैं, लेकिन निवेशकों को मुनाफा देने में वे सरकारी बैंकों के आस-पास भी नहीं है।
बाजार तेज फर्राटा भरेंगे: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 4 जून को चुनाव के नतीजे आने के बाद शेयर बाजार तेज फर्राटा भरेंगे। आप देखना, जिस दिन चुनाव के नतीजे आएंगे, उस दिन और उस पूरे हफ्ते ट्रेडिंग करने वाले थक जाएंगे। हमारी सरकार आई तो सेंसेक्स 25,000 अंकों पर था और आज यह 75,000 अंक तक पहुंच गया है। आम आदमी शेयर बाजारों में जितना ज्यादा निवेश करेगा, अर्थव्यवस्था के लिए उतना अच्छा रहेगा। हर नागरिक की जोखिम लेने की भूख भी बढऩी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा, पीएसयू शेयर तेजी से दौड़ रहे हैं।
ऐसे बढ़ा बैंकों का मुनाफा
वर्ष सरकारी प्राइवेट कुल
2021-22 66,543 1,15,457 1,82,000
2022-23 1,04,649 1,26,222 2,45,851
2023-24 1,41,202 1,78,491 3,04,713
(राशि करोड़ रुपए में)
इन सरकारी बैंकों का मुनाफा सबसे अधिक
बैंक नेट प्रॉफिट
एसबीआइ 61,077
बीओबी 17,789
केनरा बैंक 14,554
यूनियन बैंक 13,648
पीएनबी 8,245
इंडियन बैंक 8,063
प्राइवेट बैंकों में ये रहे टॉपर
बैंक मुनाफा
एचडीएफसी 60,812
आइसीआइसीआइ 40,888
एक्सिस बैंक 24,861
कोटक महिंद्रा 13,781
इंडसइंड बैंक 8,950
फेडरल बैंक 3,721
(सभी राशि करोड़ रुपए में)
पिछले एक साल में सरकारी बैंकों के इंडेक्स निफ्टी पीएसयू बैंक ने निवेशकों को 80.8% का जबरदस्त रिटर्न दिया है। जबकि इस दौरान निफ्टी प्राइवेट बैंक ने निवेशकों को 8% से भी कम रिटर्न दिया। वर्ष 2024 के शुरुआती 5 महीने यानी मई तक निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स 25% से अधिक चढ़ चुका है, जबकि निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स में इस दौरान 4% की गिरावट आई है। भारतीय बैंकों का मुनाफा बढऩे पर पीएम मोदी ने कहा कि जब हम सत्ता में आए, हमारे बैंक घाटे में थे और अधिक एनपीए था। अब बैंकों का मुनाफा बढऩे से गरीबों, किसानों को अधिक लोन मिल सकेगा।