नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने हमनाम उम्मीदवारों से जुड़ी एक याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका में मांग की गई थी कि इस मुद्दे को हल करने के लिए एक तंत्र बनाया जाए और इसके प्रति कदम उठाने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश दिए जाएं. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया कि कोई माता-पिता अपने बच्चों का नाम राहुल गांधी या लालू यादव रख दें तो उन्हें कौन रोक सकता है?
कोर्ट में नेताओं से मिलते-जुलते नाम वाले डमी उम्मीदवारों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग वाली याचिका दायर की गई थी.
स्टीफन की ओर से पेश वकील से पीठ ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति जिसका नाम लालू प्रसाद यादव है या फिर ऐसा कोई व्यक्ति जिसका नाम राहुल गांधी है तो क्या उन्हें चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है. क्या इससे उनके अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं होगा. किसी के माता-पिता ने अगर यह नाम रख दिया है तो क्या सिर्फ नाम उनके चुनाव लड़ने के अधिकार में बाधा बन सकता है. इसके बाद वकील ने पीठ से कहा कि उन्हें याचिका वापस लेने की इजाजत दी जाए.
याचिकाकर्ता ने मुद्दे को बेहद गंभीर बताते हुए याचिका दायर की. चुनाव संचालन नियम- 1961 का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया कि यदि 2 या 2 से अधिक उम्मीदवारों का एक ही नाम है तो उन्हें निवाय, व्यवसाय या किसी अन्य तरीके से अलग किया जाएगा. याचिका में कहा गया कि ‘हमनाम’ उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की प्रथा गलत है. मतदाताओं के मन में यह भ्रम पैदा करने की पुरानी चाल है. याचिका में कहा गया कि इस तरह की प्रथा को कम करने की आवश्यकता है. क्योंकि हर एक वोट उम्मीदवार के भविष्य का फैसला करता है.