प्रशिक्षु आईएएएस अधिकारी पूजा खेडकर का संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने चयन रद्द किया I

प्रशिक्षुआईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने बड़ी कार्रवाई की है। खेडकर पर आईएएस बनने के लिए विकलांगता और ओबीसी का फर्जी सर्टिफिकेट देने के साथ ही पहचान छिपाकर कई बार सिविल सेवा परीक्षा देने का आरोप है।

महाराष्ट्र कैडर की विवादित ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने बुधवार को पूजा खेडकर का बतौर आईएएस चयन रद्द कर दिया है। इसके साथ ही यूपीएससी ने उनके भविष्य में फिर से यूपीएससी परीक्षा देने के सारे रास्ते भी बंद कर दिए है।यूपीएससी ने आज बयान जारी कर बताया कि 34 वर्षीय ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर का सिलेक्शन (प्रोविज़नल कैंडिडेचर) रद्द कर दिया गया है। साथ ही पूजा को भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयनों से स्थाई रूप से प्रतिबंधित किया गया है। यूपीएससी ने उन्हें कई बार फर्जी पहचान बनाकर परीक्षा देने का दोषी पाया।पूजा खेडकर पर आईएएस बनने के लिए विकलांगता और ओबीसी के फर्जी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करने का आरोप है।वहीं नकली प्रमाणपत्रों के प्रश्न पर यूपीएससी का कहना है कि- इममें से एक शारीरिक विकलांगता का दावा करता है और दूसरा ओबीसी या अन्य पिछड़ा वर्ग की सदस्यता का दावा करता है, उसने पिछले साल आवेदन प्रक्रिया के दौरान पूजा खेडकर के कागजातों की केवल शुरुआती जांच की थी। इसमें यह जांच करना शामिल था कि प्रमाणपत्र किसी सक्षम प्राधिकारी की तरफ से जारी किया गया था या नहीं, लेकिन यह समीक्षा नहीं की गई कि इसे किस आधार पर जारी किया गया था।


यूपीएससी ने कहा कि आम तौर पर, प्रमाणपत्र को वास्तविक मान लिया जाता है। इस मामले में यूपीएससी का कहना है कि उसके पास हर साल जमा किए जाने वाले हजारों प्रमाणपत्रों की जांच करने के लिए न तो अधिकार है और न ही साधन हैं। हालांकि आज यूपीएससी ने पूजा खेडकर का जूनियर सरकारी अधिकारी के रूप में चयन रद्द कर दिया है और उनपर भविष्य में यूपीएससी परीक्षा में बैठने से रोक लगा दिया है।

 

 


नोटिस का जवाब देने में विफल रहीं पूजा खेडकर
मामले में केंद्रीय निकाय ने कहा कि पूजा खेडकर को अपनी पहचान को गलत तरीके से पेश करके, परीक्षा नियमों में निर्धारित सीमा से परे धोखाधड़ी से प्रयास करने के लिए नोटिस दिया गया था। यूपीएससी ने कहा कि उन्हें दिए गए समय में छूट के बावजूद, वह निर्धारित समय के अंदर अपना स्पष्टीकरण देने में विफल रहीं। वहीं यूपीएससी ने मौजूद सभी रिकॉर्ड की सावधानीपूर्वक जांच की और उन्हें (नियमों) के प्रावधानों के उल्लंघन में कार्य करने का दोषी पाया, और उनकी अनंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है।

पूजा खेडकर ने पुणे के कलेक्टर पर लगाए थे आरोप
बता दें कि पूजा खेडकर के चयन के बाद, उन्हें सहायक कलेक्टर के रूप में पुणे में तैनात किया गया था। वहीं उत्तराखंड में प्रशिक्षण संस्थान में वापस बुलाए जाने से पहले उसे वाशिम जिले में स्थानांतरित कर दिया गया था। जबकि पिछले महीने पूजा खेडकर ने पूरे विवाद में केवल इतना कहा कि सरकारी नियमों के अनुसार उन्हें टिप्पणी करने की मनाही है। हालांकि उन्होंने पुणे के कलेक्टर सुहास दिवासे पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जिस पर सुहास दिवासे ने सभी आरोपों से इनकार किया है।