1. ये काम सबसे पहले निपटाएं
- यदि आपने पैन और आधार को अभी तक लिंक नहीं किया है तो सबसे पहले इस काम को निपटाएं।
- अगर चाहते है कि समय पर पूरा रिफंड मिले तो अपने बैंक में अपना मोबाइल और पैन नंबर की जांच कर लें। अगर त्रुटि है तो नई केवाइसी के लिए बैंक को कहें।
2. इसलिए जरूरी है फॉर्म-16
वेतनभोगियों को आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए उसके नियोक्ता की ओर से फॉर्म-16 जारी किया जाता है। यह फॉर्म अमूमन मई तक दे दिया जाता है। यह कर्मचारी की आय और नियोक्ता की ओर से काटे गए टैक्स की जानकारी देता है।
3. अगर फॉर्म-16 न हो तो
अगर टैक्सपेयर के पास फॉर्म-16 नहीं है तो वार्षिक सूचना विवरण और फॉर्म 26 एएस से भी काम चल जाता है। इन दोनों फॉर्म में पूरे वित्त वर्ष में टैक्सपेयर की ओर से किए गए सभी लेनदेन, कुल अर्जित आय, निवेश, कंपनी की ओर से काटे गए टीडीएस का पूरा विवरण होता है।
4. गलत व्यक्तिगत जानकारी
- टैक्सपेयर यह सुनिश्चित करें कि आइटीआर भरते समय सभी व्यक्तिगत जानकारी जैसे-नाम, पैन, पता और बैंक खाते के विवरण फॉर्म में सही ढंग से भरे गए हैं।
- गलत फॉर्म चुनना: आय के स्रोत और आय के प्रकार के आधार पर सही आइटीआर फॉर्म का चुनाव करना जरूरी है। गलत फॉर्म भरने पर जुर्माना लग सकता है।
5. आय की पूरी जानकारी
वेतन, ब्याज से आय, किराए से आय, पूंजीगत लाभ सहित सभी तरह के स्रोत से मिलने वाली आय की जानकारी आइटीआर में जरूर दें। इसे छिपाने पर टैक्स चोरी का जुर्माना लग सकता है।
6. टीडीएस
नियोक्ता की ओर से जारी फॉर्म 16 और 16ए से टीडीएस के विवरण को आइटीआर में जरूर दर्शाएं। टीडीएस की सही जानकारी नहीं देने पर जुर्माना लग सकता है।
7. निवेश व कटौतियां
सेक्शन 80सी, 80डी, 80जी के तहत योग्य टैक्स लाभ का दावा करने के लिए सभी निवेशों, खर्चों और कटौतियों की घोषणा करें। ऐसा नहीं करने पर टैक्स देनदारी बढ़ सकती है।
8. ब्याज से आय
बचत खाते, एफडी या अन्य स्रोत से अर्जित ब्याज का खुलासा करना अनिवार्य है।
9. मिलान नहीं करना
आइटीआर में भरे गए सभी विवरण का वार्षिक सूचना विवरण (एआइएस) और फॉर्म 26एएस के साथ जरूर मिलान करें। एआइएस ऐप को डाउनलोड कर इसे प्राप्त किया जा सकता है।
10. समय पर फाइलिंग
आइटीआर देर से फाइल करने पर जुर्माना लग सकता है।
11. आइटीआर सत्यापन
रिटर्न ऑनलाइन दाखिल करने के बाद इसे इलेक्ट्रॉनिक रूप से (ओटीपी या नेट बैंकिंग के माध्यम) सत्यापित अवश्य करें। इसके बिना प्रक्रिया पूरी नहीं होगी।
12. जरूरी रेकॉर्ड
आय, निवेश और टैक्स कटौतियों से संबंधित सभी दस्तावेज, रसीदों और सबूतों को संभाल कर रखें। भविष्य में किसी भी जांच के मामले में इनकी जरूरत पड़ सकती है।