प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) बुधवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर द्विपक्षीय बैठक करेंगे। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसकी पुष्टि की है।
पीएम मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस पहुंचे हैं. यह बैठक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पेट्रोलिंग को लेकर भारत-चीन के बीच हुए समझौते के बाद हो रही है और दोनों देशों के संबंधों में आए सुधार की ओर भी इशारा करती है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा है कि दोनों नेता ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
"मैं पुष्टि कर सकता हूं कि कल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी।"-विक्रम मिस्री ( विदेश सचिव )
भारत और चीन के रिश्तों में पिछले कुछ वर्षों से खासकर वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) पर तनाव रहा है,। हाल ही में, दोनों देशों के बीच सैनिकों को पीछे हटाने और पेट्रोलिंग शुरू करने के लिए एक नया समझौता हुआ है, जो देपसांग और डेमचोक इलाकों से जुड़ा है। इस समझौते के बाद उम्मीद की जा रही है कि BRICS समिट के दौरान भारत ( India) के प्रधानमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) और शी जिनपिंग ( Xi Jinping ) के बीच एक महत्वपूर्ण मुलाकात होगी , जिसमें LAC के मुद्दे पर बातचीत हो सकती है। BRICS समिट रूस-यूक्रेन युद्ध और मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव के बीच हो रही है, जिससे भारत और चीन की मुलाकात और भी अहम हो जाती है। भारत हमेशा से शांति और कूटनीति के जरिए विवादों का समाधान निकालने की वकालत करता रहा है।
इसमें न केवल LAC पर तनाव कम करने के लिए बातचीत हो सकती है, बल्कि एशिया में स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं। सन 2020 से भारत और चीन के बीच सीमा विवाद ने रिश्तों में खटास ला दी थी, लेकिन अब यह बातचीत दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
बातचीत का सकारात्मक माहौल बनेगा
BRICS समिट में पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच संभावित मुलाकात निश्चित रूप से भारत-चीन रिश्तों के लिए महत्वपूर्ण होगी। LAC विवाद पर बातचीत का यह अवसर दोनों देशों के लिए तनाव कम करने और बेहतर संबंध स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण मौका हो सकता है। हाल ही में हुए समझौतों से उम्मीद की जा रही है कि बातचीत का एक सकारात्मक माहौल बनेगा।
परिणाम क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर काफी व्यापक
बहरहाल BRICS समिट में भारत और चीन के बीच न केवल सीमा विवाद, बल्कि खासकर वर्तमान वैश्विक संकटों के संदर्भ में क्षेत्रीय स्थिरता पर भी चर्चा हो सकती है। इस मुलाकात से न सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों में सुधार हो सकता है, बल्कि एशिया में शांति और सहयोग की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा सकता है। यदि यह बैठक होती है, तो इसके परिणाम क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर काफी व्यापक हो सकते हैं।