ब्रिक्स समिट के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे कज़ान

ब्रिक्स समिट के दौरान भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कज़ान में बैठक दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्तों को नया आयाम देने वाली साबित हो रही है।

भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ब्रिक्स समिट के लिए रूस में हैं और उनके साथ ही दुनिया के कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी रूस में मौजूद हैं।ब्रिक्स समिट के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने कहा, तीन महीने में रूस का मेरा दूसरा दौरा हमारी गहरी दोस्ती दर्शाता है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने द्विपक्षीय बैठक ((bilateral meeting) ) के दौरान कहा कि मॉस्को और नई दिल्ली के बीच संबंध (diplomatic relations) “विशेष रूप से विशेषाधिकार प्राप्त” हैं और “गति से विकसित हो रहे हैं।” इस बैठक में एक हल्का पल तब आया जब पुतिन ने कहा कि उन्हें लगा कि पीएम मोदी उनकी टिप्पणियों को अनुवाद के बिना समझेंगे क्योंकि दोनों देशों के बीच “गहरा” संबंध है। पुतिन ने ब्रिक्स समिट के दौरान कहा, “हमारे संबंध इतने करीब हैं कि मुझे लगा आप बिना अनुवाद के मुझे समझेंगे।” इस टिप्पणी पर पीएम मोदी मुस्कुराए, जिन्हें पुतिन ने कई मौकों पर अपना “अच्छा दोस्त” कहा है। पुतिन के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, “पिछले तीन महीने में रूस का मेरा दौरा हमारे निकट समन्वय और गहरी दोस्ती दर्शाता है। जुलाई में मॉस्को में हुई वार्षिक शिखर बैठक ने हमारे सहयोग को सभी क्षेत्रों में मजबूत किया है।”

पुतिन के साथ एक अनौपचारिक बैठक ध्यान रहे कि भारत रूस को एक पुराने मित्र के रूप में देखता है जिसने इसके आर्थिक विकास और सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह द्विपक्षीय बैठक तीन महीने बाद हुई है, जब पीएम मोदी ने जुलाई में मॉस्को में पुतिन के साथ एक अनौपचारिक बैठक की थी, जिसने अमेरिका और यूक्रेन में आशंकाएं बढ़ा दी थीं, जो रूस के साथ युद्ध में है। पुतिन ने कहा, “मुझे हमारी जुलाई की बैठक याद है जब हमने कई मुद्दों पर अच्छी चर्चा की थी, और हमने फोन पर भी कई बार बात की। कज़ान में मेरा निमंत्रण स्वीकार करने के लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं।”
समस्याओं का समाधान शांति से हो पीएम मोदी ने अपनी ओर से कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष शांति से हल किया जाना चाहिए और भारत सभी संभावित सहयोग प्रदान करने के लिए तैयार है। हम रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष (Russia-Ukraine conflict) के मुद्दे पर निरंतर संपर्क में हैं। हम मानते हैं कि समस्याओं का समाधान शांति से होना चाहिए।” पुतिन के साथ यह बैठक कज़ान में 16वें ब्रिक्स समिट में भाग लेने के लिए पीएम मोदी के कज़ान पहुंचने के कुछ घंटे बाद हुई। पीएम मोदी ने आगे कहा, “हम पूरी तरह से शांति और स्थिरता की जल्दी वापसी का समर्थन करते हैं। हमारे सभी प्रयास मानवता को प्राथमिकता देते हैं। भारत भविष्य में सभी संभावित सहयोग प्रदान करने के लिए तैयार है।”
एक ओर मोदी रूस और यूक्रेन जंग को खत्म करने की पहल कर रहे हैं। दूसरी ओर उत्तर कोरिया यूक्रेन के खिला युद्ध का हिस्सा बनना चाहता है, इसलिए उसने अपनी सीक्रेट कमांडो फोर्स रूस भेजी है। नॅार्थ कोरिया ने यूक्रेन से जंग के लिए रूस  में खतरनाक 1500 स्पेशल कमांडो और 10 हजार जवान भेज दिए हैं। यह एक अनकहा संदेश है और सीजफायर  की कोशिशों को धक्का लगने के समान है। उत्तर कोरिया ने यूक्रेन के खिलाफ रूस की मदद करने के लिए अपनी सीक्रेट कमांडो फोर्स, आम जवान रूस भेज दिए हैं। वहां इनकी वहां ट्रेनिंग हो रही है। नॉर्थ कोरिया ( North Korea) की ये स्पेशल कमांडो फोर्स काफी ज्यादा खतरनाक है। वहीं 1500 कमांडो को व्लादिवोस्तोक भेजा गया है। ​ब्रिक्स समिट में पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में नॉर्थ कोरिया का ऐसा करना बहुत कुछ संकेत देता है।