प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के जांच एजेंसियों के दुरुपयोग करने के आरोपों पर जमकर प्रहार किया। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस वाले बेशर्मी के साथ ‘भ्रष्टाचारी बचाओ आंदोलन’ चलाने लगे। जिनको भ्रष्टाचार में सजा मिली हुई है, इनके साथ तस्वीरें निकालने में मजा आ रहा है। पहले हमसे पूछ रहे थे कि भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं होती है और अब जब भ्रष्टाचारी जेल जा रहे हैं, तो हंगामा कर रहे है। यहां चर्चा के दौरान केंद्र की जांच एजेंसियों पर सवाल उठाए गए हैं। जांच एजेंसियों का सरकार दुरुपयोग कर रही है।
भ्रष्टाचार करे आप, शराब घोटाला करे आप, बच्चों की क्लासरूम बनाने में घोटाला करे आप, पानी में घोटाला करे आप, आप की शिकायत करे कांग्रेस, आप को कोर्ट में घसीटकर ले जाए कांग्रेस और कार्रवाई हो तो गाली दें मोदी को। अब ये लोग साथी बन गए हैं। कांग्रेस अब ये बताए कि जो प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आप के घोटाले के इतने सबूत देश के सामने रखे थे, क्या वे सबूत झूठे थे। ये ऐसे लोग हैं, जिनका दोहरा रवैया है। देश को ये बार-बार याद दिलाना चाहता हूं कि कैसा दोगलापन चल रहा है। ये लोग दिल्ली में एक मंच पर बैठ कर जांच एजेंसियों पर आरोप लगाते हैं, भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए रैलियां करते हैं।उन्होंने राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि केरल में इनके ही शहजादे अपने ही एक सहयोगी के मुख्यमंत्री को जेल भेजने की अपील करते हैं। दिल्ली में ईडी, सीबीआई की कार्रवाई पर हाय-तौबा करते हैं। इनके शहजादे उसी जांच एजेंसी से केरल के सीएम को जेल भेजने की बात करते हैं। इसमें भी दोगलापन। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री के साथ शराब घोटाला जुड़ा, यही आप पार्टी वाले ईडी से जेल भेजने की मांग करते थे। तब इनको ईडी बड़ी प्यारी लगती है। आज जो लोग जांच एजेंसियों को बदनाम कर रहे हैं, मैं उन्हें अपनी याददाश्त पर जोर डालने का आग्रह करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि पहले एजेंसियों का दुरुपयोग किस तरह से होता था, यह बताना चाहता हूं। पीएम मोदी ने मुलायम सिंह यादव का बयान पढ़ा और कहा कि रामगोपाल जी, नेताजी कभी झूठ बोलते थे क्या। जरा भतीजे को भी बताएं कि राजनीति में कदम रखते ही भतीजे पर सीबीआई का फंदा लगाने वाले कौन थे। पीएम ने सुप्रीम कोर्ट की वह टिप्पणी भी याद दिलाई, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई को पिंजरे में बंद तोता बताया था।