छत्तीसगढ़ Naxal: छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन होने के बाद नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन को तेज कर दिया गया है। फोर्स के जवान जंगल के अंदरूनी इलाकों में मोर्चे पर तैनात किए गए हैं। जवानों के लगातार मूवमेंट करने और ऑपरेशन चलाने से अधिकांश नक्सली उस क्षेत्र को छोड़कर दूसरी ओर रूख कर रहे हैं। इसके चलते लगातार मुठभेड़ हो रही है।
राज्य पुलिस के आंकड़ों के अनुसार 1 जनवरी से 30 अप्रैल तक मुठभेड़ में 107 नक्सली मारे गए और 350 को गिरफ्तार किया गया। वहीं, मारे जाने के डर से 300 से अधिक ने आत्मसमर्पण कर दिया। बताया जाता है कि लगातार बढ़ रहे दबाव के चलते अधिकांश नक्सली दूसरे राज्यों की ओर रूख कर रहे हैं। जवानों की ताबड़तोड़ करवाई से नक्सलियों में भारी बौखलाहट देखने को मिल रही है, जिसके चलते अपनी सक्रियता दिखाने के लिए स्थानीय लोगों की हत्या और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
बता दें कि राज्य में दिसंबर 2023 को बीजेपी की सरकार का गठन होने के बाद विष्णुदेव साय को राज्य का सीएम बनाया गया। इसके बाद लगातार बडे़ स्तर पर इंटेलिजेंस के इनपुट में ऑपरेशन चलाए गए। केवल चार महीनों में 107 से ज्यादा नक्सली मारे गए। जबकि 2023 में सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 18 नक्सली मारे गए थे।
Chhattisgarh Naxal: नक्सल मोर्चे पर 72000 फोर्स
नक्सल मोर्चे पर राज्य और केंद्रीय सुरक्षा बल के 72000 जवानों को तैनात किया गया है। इसमें केंद्रीय सुरक्षा बल के (सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ) के करीब 57000 और राज्य की 15000 जवानों (डीआरजी, सीएएफ एसटीएफ) को तैनाती की गई है।'
18 नए कैंप खुले
नक्सल मोर्चे पर फोर्स के जवानों के लिए 18 नए कैंप खोले गए है। इसे सर्वाधिक प्रभावित सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और कांकेर जिले में खोला गया है। बताया जाता है कि इन कैंपों के खोलने से स्थानीय क्षेत्र में नक्सलियों की आमदरफ्त कम होने के साथ ही स्थानीय निवासियों में सुरक्षा की भावना जागृत हुई है।
Kanker Naxal Terror: कांकेर में सबसे बड़ा मुठभेड़
कांकेर में 16 अप्रैल को सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली थी। मुठभेड़ में जवानों ने 29 नक्सलियों को मार गिराया था। डीआरजी और बीएसएफ की संयुक्त टीम द्वारा ऑपरेशन चलाया गया था। इस दौरान मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए, जिनमें कई महिला नक्सली भी शामिल थीं।
इसमें 25 लाख रुपए का इनामी शंकर राव और 25 लाख रुपये की इनामी ललिता भी शामिल थी। वहीं नारायणपुर और कांकेर के जंगल में हुई मुठभेड़ में 10 नक्सलियों में तीन महिलाएं भी शामिल थीं। घटनास्थल से जवानों ने एक एके-47 राइफल, गोला-बारूद और विस्फोटक भी बरामद किए गए। वहीं 10 मई को बीजापुर जिले के पीड़िया गांव में हुए मुठभेड़ में 12 नक्सलियों को मार गिराया था।
Naxal Terror: सुकमा और बीजापुर में फोकस
सर्वाधिक नक्सल प्रभावित बीजापुर और सुकमा जिलों को फोकस करते हुए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। राज्य पुलिस और नक्सल ऑपरेशन से जुडे़ अधिकारियों का कहना है कि दोनों जिले ट्राएंगल क्षेत्र के तहत आता है। दोनों ही ओडिसा, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना से जुडे़ हुए हैं। इसके चलते यहां सर्वाधिक नक्सलियों का जमावडा़ रहता है। बता दें कि यहां दंडाकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी, साउथ बस्तर डिवीजन और पीएलजीए बटालियन नंबर वन सक्रिय है।
Bastar Naxal Terror: नक्सल गतिविधियों पर लगाया जा रहा अंकुश
राज्य पुलिस और केन्द्रीय रिजर्व फोर्स द्वारा समन्वय स्थापित कर लगातार अभियान चलाया जा रहा है। बस्तर के गांव गांव तक विकास पहुंचाने के लिए हर कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही नक्सलवाद पर प्रभावी अंकुश लगाया जा रहा है। साथ ही नक्सलियों से बातचीत का रास्ता भी खुला हुआ है।
Bastar Naxal: बस्तर में सर्जिकल स्ट्राइक
बीते चार महीने में फोर्स ने अलग-अलग मुठभेड़ में 91 नक्सलियों को ढेर कर दिया है। जो यह बताता है कि फोर्स अब बस्तर में गियर बदल चुकी है। पिछले चार दशक में ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए हैं। बीते अप्रैल के महीने में ही 50 नक्सली मारे गए हैं।
Chhattisgarh Naxal: घने जंगलों में जवान चला रहे सर्चिंग ऑपरेशन
नक्सलियों का खात्मा करने जवानों ने कार्रवाई तेज कर दी है। एक तरफ जो नक्सली आत्मसमर्पण करना चाहते है उनके लिए पुलिस अधिकारी बस्तर के इलाकों में जा-जाकर अभियान चला रहे है। पुलिस द्वारा अभियान चलाने से नक्सली प्रेरित होकर आत्मसमर्पण कर रहे है। वहीं कुछ आतंकी जंगलों में छिपकर उत्पात मचा रहे है। इन आतंकियों के लिए जवान घने जंगलों में सर्चिंग ऑपरेशन चला रहे है। बता दें कि 100 दिनों में जवानों ने मुठभेड़ में 105 आतंकियों को मार गिराया है।
इनामी आतंकियों का हुआ एनकाउंटर
बस्तर में नक्सलियों का खात्मा करने जवान तेजी से ऑपरेशन चला रहे है। एक और बस्तर के चप्पे-चप्पे में अभियान चलाकर नक्सलियों को आम जिंदगी जीने का मौका दे रहे है। जवानों के अभियान से प्रभावित होकर बहुत से नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। वहीं दूसरी और जंगलों में जवान छिपे हुए खूंखार नक्सलियों पर भी कड़ी कार्रवाई कर रहे है। इस कार्रवाई में जवानों ने बड़ी सफलता प्राप्त की है। चार दशक में पहली बार जवान 131 दिनों में 103 नक्सलियों को ढेर किया है।