पेपर लीक का सेंटर बना -झारखंड

पेपर लीक कराने वाले गैंग्स का झारखंड सेंटर बन गया है। पिछले दो सालों के भीतर झारखंड से पेपर लीक के चार बड़े स्कैम सामने आए हैं।

 

नीट-यूजी मामले में बिहार ईओयू (इकनॉमिक ऑफेंसेज विंग) की अब तक की जांच में इस बात के प्रमाण मिल चुके हैं कि झारखंड के हजारीबाग स्थित एग्जाम सेंटर से पर्चा लीक हुआ था। पटना में इस परीक्षा के प्रश्न पत्र का जो अधजला अवशेष मिला था, उसके सीरियल कोड से खुलासा हुआ है कि यह प्रश्नपत्र हजारीबाग के मंडई रोड स्थित ओएसिस स्कूल स्थित एग्जाम सेंटर में भेजा गया था। ईओयू की टीम ने हजारीबाग पहुंचकर स्टील के उन दो ट्रंक को जब्त किया है, जिनमें यहां प्रश्नपत्र भेजे गए थे। इसके साथ ही जांच में इस बात के साक्ष्य मिले हैं कि इन ट्रंक में छेड़छाड़ किया गया था। ट्रंक में दो अलग-अलग कुंडियां पाई गई हैं।

 

 ईओयू की टीम पेपर लीक मामले में झारखंड के देवघर से छह युवकों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस बात के भी प्रमाण मिले हैं कि लीक किए गए पेपर रांची में मेडिकल पीजी के दस स्टूडेंट ने सॉल्व किए थे और फिर उन्हें परीक्षार्थियों तक भेजा गया था।
पेपर लीक करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड हैं सिकंदर यादवेंदु

 

पेपर लीक करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड माने जा रहे सिकंदर यादवेंदु नामक बिहार के जिस जेई को गिरफ्तार किया गया है, उसका रांची के बरियातू हाउसिंग कॉलोनी में आलीशान मकान है। उसने लंबे समय तक रांची में रहकर मेडिकल कॉलेज सहित कई विभागों में सिविल कन्स्ट्रक्ट्रशन वर्क्स में ठेकेदारी की है। इसके पहले झारखंड में 28 जनवरी को आयोजित हुई एसएससी-सीजीएल (कंबाइंड ग्रैजुएट लेवल) परीक्षा के पेपर लीक हो गए थे। इस पर भारी बवाल के बाद पुलिस ने झारखंड विधानसभा के अपर सचिव सज्जाद इमाम उर्फ मो. शमीम, उसके दो पुत्रों शाहनवाज हसन और शहजादा इमाम सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया था।
30 लाख रुपए में बेचा गया था पेपर

 

जांच में इस परीक्षा के पेपर 27 से 30 लाख रुपए में बेचे जाने की बात सामने आई थी। पुलिस इस मामले में चार्जशीट फाइल कर चुकी है। इसी साल मार्च महीने में बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा का पेपर झारखंड के हजारीबाग से लीक हुआ था। यहां 300 से ज्यादा परीक्षार्थियों को गेस्ट हाउस में रुकवाकर प्रश्नों के उत्तर रटवाए गए थे।
बिहार पुलिस और झारखंड पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में हुआ था खुलासा

 

इस रैकेट का खुलासा बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू), बिहार पुलिस और झारखंड पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में हुआ था। इस मामले में कुल 313 अभ्यर्थियों सहित पेपर लीक और सॉल्वर गैंग से जुड़े एक दर्जन लोगों को जेल भेजा गया था। वर्ष 2022 के जुलाई में झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (जेएसएससी) में जूनियर इंजीनियरों के 1289 पदों पर नियुक्ति के लिए आयोजित परीक्षा का भी पेपर हो गया था। इस मामले में आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसकी जांच आज भी जारी है।