France Riots: फ्रांसीसी सरकार के शासन वाले न्यू कैलेडोनिया (New Caledonia) में इन दिनों भीषण हिंसा भड़की हुई है। हालात ये हो गए हैं कि वहां पर सरकार को आपातकाल (Emergency) घोषित करना पड़ा है। तीन रातों की घातक झड़पों में 5 लोगों की मौत और सैकड़ों के घायल होने के बाद सरकार ने इलाके में सेना तैनात करने के अलावा TikTok पर भी प्रतिबंध लगाने का नाटकीय कदम उठाया है ताकि ‘दंगाई’ इसका इस्तेमाल नहीं कर पाए।
हजारों सालों से आबाद हैं द्वीप समूह
ऑस्ट्रेलिया और फिजी के बीच स्थित न्यू कैलेडोनिया (New Caledonia) औपनिवेशक युग के बाद लंबे समय से फ्रांस (France) के नियंत्रण में है, हालांकि देश के अन्य विदेशी क्षेत्रों के विपरीत इसे ‘विशेष दर्जा’ प्राप्त है। पिछले तीन जनमत संग्रहों में इस प्रशांत द्वीप समूह ने ‘स्वतंत्रता’ के विचार को अस्वीकार कर दिया है। वहीं कनक समुदाय के लोग आजादी के के पुरजोर समर्थक है। इनके पूर्वज हजारों वर्षों से इन द्वीपों पर रहते आए हैं।
कैसे हुई अशांति (France Riots) की शुरुआत
अशांति यहां से 17,000 किमी दूर फ्रांसीसी संसद में संविधान संशोधन के लिए एक मतदान से शुरू हुई थी, जिसके अनुसार 10 साल पहले न्यू कैलेडोनिया आए बाहरी लोगों को चुनावों में मतदान की अनुमति दी जानी चाहिए। सुधार अभी दोनों सदनों से अनुमोदित होना बाकी है, लेकिन स्वतंत्रता-समर्थक लोगों का का कहना है कि इससे कनक लोगों के वोट कमजोर हो जाएंगे, जो आबादी का लगभग 41 प्रतिशत हिस्सा हैं। दूसरी ओर, सुधार के समर्थकों का कहना है कि 1998 के बाद से मतदाता सूचियों को अद्यतन नहीं किया गया है, जिससे नए निवासी प्रांतीय चुनावों में मतदान करने से वंचित रह जाते हैं।
कौन कर रहा विद्रोह का नेतृत्व
प्रशांत द्वीपसमूह में नए स्थानीय मतदान नियम लागू करने की बात उठते ही यहां हिंसा का दौर देखने को मिला है। हिंसक झड़पों में 64 पुलिस अधिकारियों सहित सैकड़ों के घायल होने की रिपोर्ट है। गोलीबारी में एक पुलिस अधिकारी की भी जान गई है, 1980 के दशक के बाद से यह इस क्षेत्र में देखी गई सबसे घातक हिंसा है। स्वतंत्रता-समर्थक विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व बड़े पैमाने पर कनक स्वदेशी समूह कर रहे हैं। उधर, फ़्रांस न्यू कैलेडोनिया में सेना, पुलिस बल व आवश्यक आपूर्ति शीघ्रता से भेजने के लिए एक हवाई पुल” बना रहा है। लगभग 1,800 पुलिस अधिकारी अधिकारी तैनात किए गए हैंँ।