माधवी राजे सिंधिया का अंतिम संस्कार

माधवी राजे सिंधिया अंतिम संस्कार: चंदन की लकड़ी, पार्थिव देह चबूतरे पर राख। मुंडन के बाद पितृ पक्ष ने बाएं हाथ से पहला कांडा धारण किया। मंत्रोच्चार के साथ अंतिम संस्कार की रस्में पूरी कर मुखाग्नि दी।

सिंधिया परिवार की वरिष्ठ सदस्य माधवी राजे का गुरुवार को ऐतिहासिक परंपरा से कटोराताल स्थित छत्री पर अंतिम संस्कार किया गया।

बेटे ज्योतिरादित्य ने विधि-विधान से मां का अंतिम संस्कार किया। मुखाग्नि देते समय उनकी आंखें छलक उठीं, वे कुछ देर चबूतरे पर खड़े होकर देह को निहारते रहे।

इस दौरान मौजूद भीड़ ने माधवीराजे अमर रहे के नारों से आकाश गुंजायमान कर दिया।

कई पूर्व राजपरिवार सिंधिया परिवार के शोक में शामिल

सिंधिया की बुआ और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेश की पूर्व कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे, मामा ध्यानेंद्र सिंह और मामी पूर्व मंत्री माया सिंह भी मौजूद रहे।

इनके अलावा नेपाल, कश्मीर और वडोदरा के पूर्व राजपरिवार भी अंतिम विदाई के समय मौजूद रहे। माधवीराजे नेपाल नरेश की पुत्री थीं।

अंतिम दर्शन को जुटे आम और खास

पार्थिव देह लेकर ज्योतिरादित्य, पत्नी प्रियदर्शिनी और बेटा महानआर्यमन सुबह ग्वालियर पहुंचे। एयरपोर्ट से एंबुलेंस से देह जय विलास पैलेस लाई गई। दोपहर एक बजे रानी महल में अंतिम दर्शन के लिए रखा।

यहां बड़ी संख्या में श्रद्धांजलि देने लोग पहुंचे। अंतिम दर्शन के बाद शाम 4:30 बजे अंतिम यात्रा निकाली गई।

इसमें कई विधायक, मंत्री और भाजपा-कांग्रेस के नेता सहित आमजन शामिल हुए।