इस कहानी में एक महिला की अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प की कहानी है। यह महिला, जिसे बचपन में ही शादी के बंधन में बांध दिया गया था, ने अपने जीवन को बदलने और अपने सपनों को साकार करने का फैसला किया। 18 साल की उम्र में, जब ज्यादातर लोग अपने करियर की योजना बना रहे होते हैं, वह दो बच्चों की मां बन चुकी थी।
इसके बावजूद, उसने हार नहीं मानी। उसने अपने भीतर के सपनों को जीवित रखा और IPS अधिकारी बनने की ठान ली। यह आसान नहीं था, लेकिन उसने अपनी शिक्षा जारी रखी और कठिन परिश्रम किया। उसने अपने बच्चों और परिवार के समर्थन के साथ अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ना शुरू किया।
IPS बनने के लिए कठिन परीक्षा को पास करने के लिए कठिन अध्ययन और प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है। उसने रातों को जागकर पढ़ाई की और अपनी जिम्मेदारियों के बीच अध्ययन का समय निकाला। उसकी मेहनत रंग लाई, और उसने UPSC की परीक्षा पास कर ली, जिससे वह IPS अधिकारी बन गई।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में कितनी भी बाधाएं हों, यदि आपके पास दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति है, तो आप अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं। यह महिला न केवल अपने परिवार के लिए बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन गई है। मां तुझे सलाम!