Sheopur News: नि:संतान दंपती ने जिस बेटे को अनाथालय से लाकर नाज से पाला पोसा और पढ़ाया उसी ने संपत्ति के लालच में अपनी विधवा मां को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। शेयर बाजार और सट्टे में 20 लाख से ज्यादा हार चुका कपूत अपनी मां से और रकम मांग रहा था।
मां ने मना किया तो पहले बेरहमी से मौत के घाट उतारा और फिर उसके शव को घर में ही सीढ़ी के नीचे बने बाथरूम में दफना दिया। आरोपी को पता था कि मां के बाद पूरी संपत्ति उसी की थी इसके बाद भी उसने ऐसा किया और तो और 6 मई को कोतवाली थाने में जाकर मां की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। उसने पुलिस को बताया कि मां उषा देवी (63) घर से मंदिर की कहकर गईं, जो नहीं लौटी।
सट्टे की लत ने बेटे को बनाया हत्यारा
पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि आरोपी दीपक को सट्टे की लत लग गई। पिता की कई एफडी में नॉमिनी होने के चलते उसने 20 लाख शेयर बाजार और सट्टे में गंवा दिए। इसके बाद उसकी नजर मां के नाम से मकान और 30 लाख की एफडी पर थी। रुपए मांगे तो मां ने मना कर दिया, इसके बाद उसने हत्या कर दी।
मामा को था शक, पुलिस के सामने टूटा
श्योपुर एसपी अभिषेक आनंद ने बताया, गुमशुदगी की जांच में वार्ड 7 में पड़ोसियों ने 5 मई को उषा को देखना बताया। महिला के भाई ने हत्या की आशंका जाहिर की। पुलिस ने शक के आधार पर बेटे को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो जुर्म कबूल लिया। मकान में सीढ़ी के नीचे बने बाथरूम को खोदकर शव निकाला।
अनाथालय से लिया था गोद
रेलवे कर्मी रहे भुवनेन्द्र पचौरी और ऊषा देवी ने उसे दो साल की उम्र में अनाथ आश्रम से गोद लिया। 2016 में भुवनेंद्र की मौत हो गई। तब से दीपक और ऊषा साथ थे, लेकिन इनके बीच कम बनती थी, इसलिए दीपक दिल्ली चला गया था। कुछ दिन पहले ही वह लौटा और 6 मई को वारदात की।