‘मिशन मिल्कीपुर’

मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव 2025 पर हर किसी की नजरें टिकी हैं। लोकसभा चुनाव में अयोध्या में हार के बाद, सीएम योगी आदित्यनाथ ‘मिशन मिल्कीपुर’ में पूरी ताकत झोंक रहे हैं। सपा के लिए भी यह चुनाव प्रतिष्ठा की लड़ाई है।

चुनाव आयोग ने आज दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है। मिल्कीपुर सीट पर मतदान 5 फरवरी 2025 को होगा, जबकि मतगणना 8 फरवरी 2025 को होगी। लोकसभा चुनाव 2024 में अयोध्या में मिली हार का बदला लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘मिशन मिल्कीपुर’ पर पूरी ताकत लगा दी है।

मिशन मिल्कीपुर में जुटे 7 मंत्री  मिशन में यूपी सरकार ने अपने प्रमुख मंत्रियों को बड़ी जिम्मेदारी दी है। सात मंत्रियों को मिल्कीपुर के अलग अलग वर्ग को साधने की जिम्मेदारी दी गई है। इनमें प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही, खेल मंत्री गिरीशचंद्र यादव, स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु, सतीश चंद्र शर्मा, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह और जेपीएस राठौर बूथ स्तर पर बैठकें कर वोट बैंक को मजबूत कर रहे हैं। दरअसल, योगी नहीं चाहते हैं कि किसी भी तरफ की चूक इस चुनाव में हो।
योगी के लिए “नाक” का सवाल मिल्कीपुर  मिल्कीपुर सीट योगी आदित्यनाथ के लिए नाक का सवाल भी बन गई है। इसकी गंभीरता इसी से समझी जा सकती है कि महाकुंभ की तैयारियों के बीच योगी आदित्यनाथ आज पांचवी बार मिल्कीपुर का दौरा कर रहे हैं। पिछले दौरे में सीएम योगी प्रभारी मंत्रियों और संगठन पदाधिकारियों को बूथ मजबूत करने और मतदाताओं को मतदान केन्द्र लाने का मंत्र दे चुके हैं।

अखिलेश के लिए प्रतिष्ठा का सवाल 

योगी की तरह समाजवादी पार्टी के लिए भी मिल्कीपुर चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। ये सीट समाजवादी का गढ़ है और अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के बाद मिल्कीपुर में अपना गढ़ बचाने की चुनौती है। हाल ही में विधानसभा की नौ सीटों पर उपचुनाव हुए थे लेकिन मिल्कीपुर का मामला कोर्ट में विचारधीन था ऐसे में चुनाव नहीं हो पाए थे। नवंबर में 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में योगी की रणनीति के चलते भाजपा को 6 सीटों पर जीत मिली थी एनडीए को नौ में से 7 सीटों पर जीत हासिल हुई थी वहीं सपा को महज 2 सीटों से संतोष करना पड़ा था ।