अमेरिका ने शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद जॉब से जुड़े आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक देश में जुलाई में लोगों को उम्मीद के मुताबिक नौकरियां नहीं मिली और बेरोजगारी दर तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। इससे अमेरिका में एक बार फिर मंदी की आशंका तेज हो गई है। इसे वैश्विक मंदी के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। आज दुनियाभर के शेयर बाजारों में इसका असर दिख रहा है। भारत में बीएसई सेंसेक्स में कारोबार के दौरान करीब 2,600 अंक की गिरावट आई और निवेशकों के 17 लाख करोड़ रुपये एक झटके में स्वाहा हो गए। जापान के शेयर मार्केट में इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है। बेंचमार्क निक्केई 225 इंडेक्स 4,451 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ। यह अंक के हिसाब से इसकी अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है।
शेयर मार्केट में गिरावट की बड़ी बजह अमेरिका में मंदी का डर है। इससे बाजार में बड़ी कमजोरी आई। कमजोर आर्थिक आंकड़ों के चलते वहां अब मंदी का डर सताने लगा है। US में बेरोजगारी दर बढ़कर 4.3% पर पहुंच गई है। साथ ही दिग्गज निवेशक Warren Buffet ने Apple में अपनी 50% हिस्सेदारी बेची है, ये भी बाजार के लिए बड़ा ट्रिगर है। इसके अलावा जापान में येन Carry Trade खत्म होने का डर सता रहा है।